इस साल 8 नवंबर को अहोई अष्टमी का व्रत पड़ रहा है। संतान की दीर्घायु के लिए यह व्रत किया जाता है। तारों को अर्घ्य इस व्रत में देते हैं। उसके बाद ही व्रत संपन्न होता है। हिंदू कैलेंडर के मुताबिक, कार्तिक मास में कृष्ण पक्ष की अष्टमी को यह व्रत आता है। मान्यताओं के अनुसार, कुछ उपाय संतान प्राप्ति से जुड़े हुए हैं जो इस दिन करने से सभी मुरादें पूरी होती है।
भोग लगाएं पूजा के बाद
संतान प्राप्ति और संतान सुख के लिए अहोई अष्टमी के दिन मां अहोई की पूजा करते है। उसके बाद दूध भात का भोग भगवान शिव और माता पार्वती को लगाएं। इसके साथ ही गाय के लिए भी बने हुए खाने का आधा भाग निकाल दें। उसके बाद पीपल पर दीपक जलाएं और उसकी परिक्रमा करें। यह उपाय करने से आप पर अहोई माता की कृपा बरसेगी।
अर्पित करें यह माला
अहोई अष्टमी के लिए अहोई मां को निःसंतान माताएं चांदी के 9 मोतियों को लाल घागे में डालकर उसकी माला बना लें। उसके बाद अहोई पूजा के दौरान उस माला को अर्पित करते हुए संतान प्राप्ति के लिए मनचाहरी मुराद मांगे। आपी मनोकामना यह उपाय करने से जल्दी पूरी हो जाएगी।
माता अहोई को इस रंग का फूल करें अर्पित
सफेद फूल माता को अहोई अष्टमी पर चढ़ाएं। उसके बाद संतान प्राप्ति के लिए मनोकामना करें। फिर पौधे उतने लगाएं जितने घर में सदस्य हैं। उन पौधों के बीच में तुलसी का पौध एक जरूर लगाएं। सितारों से प्रार्थना सांयकाल के समय में करें। आपकी मनचाही मुराद यह उपाए करने से पूर्ण होगी।
ऐसे करें माता गौरी और शिवजी की पूजा
पारद शिवलिंग पर ब्रह्त मुहूर्त में नियम से अहोई अष्टमी के दिन से भैया दूज तक दूध से अभिषेक करें। संतान प्राप्ति के लिए माता गौरी से आशीर्वाद मांगे और उसे बात को अपने मन में ही बोलें। भगवान शिव और माता गौरी का आशीर्वाद ऐसा करने से मिलता है।