वैसे तो सप्ताह के सभी दिन भगवान की पूजा करने के लिए शुभ माने जाते हैं,लेकिन शुक्रवार का दिन माता लक्ष्मी की पूजा के लिए काफी ज्यादा महत्व रखता है। अपने भक्तों की सच्ची भक्ति से मां लक्ष्मी की कृपादृष्टि सदैव बनी रहती है। ऐसा होता है जब धन संबंधी परेशानी किसी को भी हो सकती है। मगर आप धन लक्ष्मी को प्रसन्न करने कई सारी परेशानियों से छुटकारा पा सकते हैं।
धन लक्ष्मी की सच्चे मन से स्मरण करके सुबह-शाम महालक्ष्मी की प्रतिमा या तस्वीर पर कुंमकुम,अक्षत,गंध,फूल अर्पित कर अगरबत्ती लगाकर आस्था और पवित्र भाव से करें। इस बात का भी आप खास ख्याल रखें कि धन लक्ष्मी की पूजा करने वाले किसी भी हालत में स्त्री का अनादर नहीं करें।
धन लक्ष्मी का यह मंत्र (क्षीरदायै धनदायै बुद्धिदायै नमो नम:। यशोदायै कीर्तिदायै धर्मदायै नमो नम:।।) धन और वैभव की सभी इच्छाओं की पूर्ति के लिए माना गया है। हो सके तो लक्ष्मी जी की उपासना के लिए हो सके तो आप हमेशा सादे-स्वच्छ श्वेत वस्त्र पहनें। इस उपासना के पूर्व पवित्रता का आप विशेष ध्यान रखें।
शुक्रवार के दिन पीले कपडे में पांच पीली कौड़ी और थोड़ी सी केसर व एक चांदी के सिक्के लेकर उसे उस जगह रख दें जहां पर आप अपने पैसे और गहने रखते है कुछ ही दिनों में धन वृद्धि होगी।
धन लक्ष्मी को सफेद चीजों जैसे चावल से बनी खीर और यथासंभव दूध से बने पकवानों का भोग लगाएं।
घर की सबसे बड़ी स्त्री,माता या गृह लक्ष्मी को आदर देते हुए सर्वप्रथम उसे ही प्रसाद ग्रहण कराएं इसके बाद आप ग्रहण करें।