BREAKING NEWS

ओडिशा रेल हादसा : आप नेता सौरभ भारद्वाज ने CBI जाँच पर केंद्र सरकार साधा निशाना ◾महाराष्ट्र में शिवसेना और BJP मिलकर लड़ेंगी चुनाव, शिंदे ने शाह से की मुलाकात◾रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष ओडिशा ट्रिपल ट्रेन दुर्घटना के बारे में पीएमओ को देंगे जानकारी◾जेपी नड्डा ने पूर्व सेनाध्यक्ष दलबीर सिंह सुहाग से की मुलाकात, बताई मोदी सरकार की उपलब्धियां ◾सरकारी सूत्र से हुआ बड़ा खुलासा, सीएजी रिपोर्ट का चुनिंदा तरीके से इस्तेमाल किया जा रहा है, रेलवे जल्द ही संसद को जवाब देगा◾West Bengal Politics: बायरन बिस्वास की बढ़ सकती हैं मुश्किलें, विधायक पद खारिज करने के लिए HC में याचिका दायर ◾नामीबिया के उप प्रधानमंत्री नेटुम्बो नंदी-नदैतवाह ने संबंधों को आगे बढ़ाने पर चर्चा की - विदेश मंत्री एस जयशंकर◾ओडिशा हादसे में पीड़ितों से मिलेंगी पश्चिम बंगाल सीएम ममता बनर्जी ◾Pakistan: ‘इस साल अक्टूबर में होंगे चुनाव’, रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने किया ऐलान ◾विश्व पर्यावरण दिवस पर कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने कहा - 'पर्यावरण और मानव जाति परस्पर जुड़े हुए हैं'◾भारतीय नौसेना का जहाज सतपुड़ा इंडोनेशिया पहुंचा,बहुपक्षीय नौसेना अभ्यास कोमोडो में लेगा भाग ◾पहलवान साक्षी मलिक, विनेश फोगाट और बजरंग पूनिया रेलवे की ड्यूटी पर लौटे, आंदोलन को लेकर कही ये बात ◾BJP सांसद प्रज्ञा ठाकुर बोलीं- "साजिश के तहत हिंदू लड़कियों को बरगलाया जा रहा है"◾यह पुल नहीं बल्कि बिहार सरकार की विश्वसनीयता है जो ढह गई - शाहनवाज हुसैन◾नीतीश कुमार का बड़ा बयान, बोले- कांग्रेस के कारण विपक्षी दलों की बैठक टली◾ भागलपुर पुल गिरने पर केंद्रीय मंत्री आरके सिंह बोले- "बिहार में भ्रष्टाचार का जीता जागता उदाहरण"◾TMC नेता अभिषेक बनर्जी की पत्नी को कोलकाता हवाईअड्डे पर रोका,जून में ईडी कार्यालय में पेश होने का निर्देश◾बालासोर ट्रेन हादसे को लेकर मल्लिकार्जुन खड़गे ने PM मोदी को लिखा पत्र, पूछे कई सवाल◾कर्नाटक के CM सिद्दारमैया का आरोप, कहा- भाजपा लोगों को मुफ्त बिजली योजना के दुरुपयोग के लिए उकसा रही है◾RBI डिप्टी गवर्नर बोले - 'बैंकिंग में गवर्नेंस गैप को दूर करने का सही समय'◾

बिजली का हुआ ओवरडोज़ माइनस में आने लगा बिल, अजीबोगरीब समस्‍या से जूझ रहा हैं फ‍िनलैंड

यूँ तो आपने कई बार शून्‍य बिजली बिल तो सुना ही होगा, लेकिन बिल माइनस में आ जाए क्या ऐसा कभी किसे कहते हुए सुना हैं। नहीं ना.....! बता दे कि यह तभी होता है जब आप पहले से ज्‍यादा पैसा दे चुके हैं। लेकिन यूरोप का एक देश इन दिनों अजीबो-गरीब समस्‍या से जूझ रहा है। 

यहां स्‍वच्‍छ बिजली इतनी ज्‍यादा पैदा होने लगी है कि ऊर्जा की कीमतें शून्‍य से नीचे यानी माइनस में चली गई हैं। सुनने में काफी अजीब लग रहा होगा लेकिन यह सच हैं। अध‍िकार‍ियों को ये समझ ही नहीं आ रहा कि इससे आख‍िर निपटा तो निपटा कैसे जाए।

हम बात कर रहे हैं यूक्रेन के में स्थित शहर फिनलैंड की। यूक्रेन युद्ध की वजह से जब पूरा यूरोप ऊर्जा संकट से जूझ रहा है। कीमतें आसमान छू रही हैं, ऐसे समय में फ‍िनलैंड में रिन्यूएबल एनर्जी प्रचूर मात्रा में पैदा हो रही है। फ़िनलैंड के ग्रिड ऑपरेटर फ़िंगरिड के सीईओ जुक्का रुसुनेन ने बताया कि इतनी ज्‍यादा बिजली पैदा होने लगी है कि औसत ऊर्जा मूल्‍य शून्‍य से नीचे या मानइस में चला गया है। आमतौर पर ऐसा नहीं होता. लोग बिजली के बिल का भुगतान करते हैं, लेकिन फ‍िनलैंड के लिए यह अजीबोगरीब समस्‍या है।

जानिए आख‍िर कैसे आया यह बदलाव?

आज यूक्रेन का हाल कैसा हैं इस बात से तो सभी बखूबी रूप से वखिफ हैं। दरअसल, यूक्रेन संकट के बाद जब पूरी दुनिया में ऊर्जा की कीमतें बेतहासा बढ़ने लगीं तो फ‍िनलैंड ने भी अपने देश के नागर‍िकों को बिजली सोच समझकर खर्च करने को कहा। कई बार इसके लिए आदेश जारी किए गए। फ‍िर लगा कि यह अंत‍िम विकल्‍प नहीं हो सकता। तब फ‍िनलैंड ने रिन्यूएबल एनर्जी का सहारा लिया, खूब निवेश किया। जगह जगह इसके प्‍लांट बिठा दिए गए। हालात यह हो गई कि कुछ ही महीनों में जरूरत से काफी ज्‍यादा बिजली पैदा होने लगी। उत्‍पादन में कटौती करने तक की नौबत आ गई। अध‍िकार‍ियों के मुताबिक, बिना प्रदूषण अब पर्याप्‍त बिजली है। अब हम इसे बेचने के बारे में सोच रहे हैं।

उत्‍पादन में कमी लाने पर विचार

इनसाइडर की रिपोर्ट के मुताबिक, रुसुनेन ने कहा-पिछली सर्दियों में लोग केवल यही बात कर सकते थे कि अधिक बिजली कहां से आएगी। अब हम इस बारे में सोच रहे हैं कि उत्‍पादन को कम कैसे किया जाए। हम अत‍ि पर चले गए हैं। फ‍िनलैंड की आबादी तकरीबन 55 लाख है। इसी साल अप्रैल में एक नया परमाणु रिएक्‍टर भी यहां शुरू हुआ है। सरकार ने पहले ही हालात को देखते हुए बिजली की कीमतों में 75 फीसदी तक की कटौती कर दी है। पहले जहां 245 यूरोप प्रत‍ि मेगावाट का बिल आता था, लेकिन अप्रैल में इसे सिर्फ 60 मेगावाट कर दिया गया था। अब समझ नहीं आ रहा कि ज्‍यादा बिजली का क्‍या किया जाए।