क्या आप जानते हैं? कि पूजा करने और भगवान को प्रसन्न करने के कुछ नियम-कायदे होते हैं जिनका पालन करने से घर में सुख शांति बनी रहती हैं। नौ शक्तियों के मिलन को ही नवरात्रि कहते हैं। नवरात्रि में मां दुर्गा के नौ अलग-अलग स्वरूपों की आराधना की जाती है।
सभी भक्त देवी मां को अपनी श्रद्घा के अनुसार व्रत-उपवास,पूजा -पाठ से प्रसन्न करने की पूरी-पूरी कोशिश करते हैं। कई सारे भक्त तो नवरात्रि के पूरे नौ दिन उन्हीं विधि-विधान व नियमों का पालन करते हैं जो सदियों से चले आ रहे हैं। लेकिन इन नियमों को करने के पीछे का क्या कारण है। शायद इन्हीं सारी बातों से ज्यादातर लोग आज तक भी अंजान हैं। तो चालिए आज हम आपको नवरात्रि से जुड़ी कुछ ऐसी बातें बताने जा रहे हैं जो हर एक भक्त को मालूम होनी चाहिए।
1.नवरात्रि साल में 4 बार आती है
हिन्दू धर्म के मुताबिक नवरात्रि साल में चार बार आती है लेकिन आम लोग के लिए नवरात्रि सिर्फ दो बार आते हैं जिन्हें चैत्र व शारदीय नवरात्रि कहा जाता है। माघ और आषाढ़ मास की नवरात्रि को गुप्त नवरात्रि कहा जाता है क्योंकि इसमें छुपके से शिव और शक्ति की उपासना करी जाती है। गुप्त नवरात्र के दौरान तंत्र साधना के लिए मां काली,तारा देवी,त्रिपुरा सुंदरी,भुवनेश्वरी,माता छिन्नमस्ता,त्रिपुरा भैरवी,मां ध्रूमावती,माता बगलामुखी,मातंगी और कमला देवी की पूजा करते हैं।
2.नवरात्रि में व्रत इसलिए रखते हैं
दो मौसम के संधिकाल यानि जब एक मौसम खत्म होता है और दूसरे मौसम की शुरूआत होती है। उस समय नवरात्रि मनाया जाता है। इस दौरान बीमारियां होने की ज्यादा दिक्कत होती है इसी को बैलेंस करने के लिए व्रत रखा जाने लगा है।
3.देवी के 9 रूप नारी शक्ति को दर्शाते हैं
माता शैलपुत्री, ब्रह्मचारिणी, चंद्रघंटा, कुष्मांडा, स्कंदमाता, कात्यायनी, कालरात्रि, महागौरी और सिद्धिदात्रि देवी दुर्गा के नौ अलग-अलग रूप हैं। हर एक देवी नारी शक्ति के एक रूप को दर्शाती है।
4.तो इसलिए लगता है माता रानी को हलवे-चने का भोग
मां दुर्गा को हलवे-चने का भोग इसलिए लगाया जाता है क्योंकि कई सालो पहले चना एक ऐसा अन्न था जो सबसे सस्ता और स्वास्थ्य रोग नाशक हुआ करता था और हलवे को सभी वर्गों के लोगों के लिए एक तरह की सबसे सस्ती मिठाई माना जाता था। भोग या भेट में निर्दोष पुशओं की बलि देने की चली आ रही परंपरा से बचने के लिए हलवे-चने का भोग देवी मां को अर्पित किया जाने लगा।
5.नवरात्रि के नौ दिन नहीं खाना चाहिए प्याज-लहसुन
नवरात्रि के दिनों में कई सारे लोग प्याज-लहसुन खाना बंद कर देते हैं क्योंकि हिंदू वेदो में बताया गया है कि प्याज और लहसुन ऐसी सब्जियां हैं जिन्हें खाने से इंसान में जुनून,उत्तेजना और क्रोध काफी ज्यादा बढ़ जाता है जिससे वह अपने लक्षय से भटक जाता है।
6.नवरात्रि के दिनों में इसलिए बोया जाता है जौं
नवरात्रि के दिनों में कलश स्थापना का काफी ज्यादा महत्व होता है। नवरात्रि के दिनों में जो बोने की प्रथा भी होती है जिसका प्रमुख कारण अन्न का सम्मान करना होता है। ऐसा मन्यता है कि यदि नवरात्रि के नौ दिनों में यदि जौ हरे-भरे सफेद और सीधे उगे हों तो यह घर परिवार के लिए बहुत शुभ माना जाता है। वहीं जौं का काला व भूरे रंग के टेढ़े-मेढ़े उगते हैं तो ये अच्छा नहीं माना जाता है।