हम भारतीय अपने 'जुगाड़' के लिए जाने जाते हैं, यह एक ऐसा शब्द है जिसका उपयोग करके हम किसी भी चीज को बड़े आसानी से कर लेते हैं। सोशल मीडिया पर ऐसी कहानी और किसको की कमी नहीं है जो जुगाड़ की अहमियत को बताते हो अब एक ऐसा ही मामला सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा हैं। बिहार के सहरसा जिले के सौरबाजार प्रखंड क्षेत्र के अंतर्गत बैजनाथपुर वार्ड-5 के रहने वाले दिनेश कुमार यादव के लिए वायरल होने के लिए एक साधारण विचार और कम से कम 3000 रुपये का खर्च आया।
दिनेश ने अपने खेतों की जुताई करने का एक अनोखा तरीका निकाला है, जिसमें न तो ट्रैक्टर का इस्तेमाल किया जाता है और न ही जानवरों के पुराने तरीके का। दिनेश के पास तीन खेत हैं, जो क्षेत्रफल की दृष्टि से लगभग 2 से 7 कट्ठा हैं। वह लंबे समय से अपने खेत को जोतने के लिए किराए पर एक ट्रैक्टर मांग रहा था, लेकिन उसका खेत काफी दूर और वीरान होने और छोटा होने के कारण कोई भी उसे उधार नहीं देना चाहता था।
एक दिन घर में बैठे-बैठे उसकी दृष्टि पिता के पास रखे फटे हल पर पड़ी। तभी उनके दिमाग में एक विचार आया। दिनेश ने अपने खेतों को जोतने के लिए साइकिल का इस्तेमाल करने का फैसला किया। उन्होंने 1500 रुपये में बाजार से अगला पहिया, हैंडल और अन्य आवश्यक चीजें खरीदीं और एक मैकेनिक की मदद से साइकिल के पुर्जों से हल बनाया।
दिनेश बताते हैं कि उनके विशेष रूप से बनाए गए हल से सुबह दो घंटे तक 4-5 कट्ठा जमीन आसानी से जोत सकते हैं। वह कहते हैं कि इसमें कुछ शारीरिक मेहनत लगती है लेकिन दिन के अंत में, यह शरीर के लिए एक अच्छी कसरत भी प्रदान करता है। उन्होंने कहा कि पूरी प्रक्रिया पर केवल 3000 रुपये खर्च किए गए और उन्होंने अपने डिजाइन को धान के बीज बोने या सब्जियां लगाने के लिए खेत तैयार करने का सबसे अच्छा तरीका बताया। दिनेश के खेत के आसपास रहने वाले अन्य किसानों ने दिनेश से साइकिल हल लेकर अपने खेतों को जोतना शुरू कर दिया है।