शिमला : केंद, और राज्य की भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीत सरकारों की‘किसान-विरोधी’नीतियों के खिलाफ किसानों ने आज हिमाचल प्रदेश विधानसभा तक मार्च किया और काफी देर तक परिसर को घेर कर रखा। विरोध प्रदर्शन हिमाचल प्रदेश किसान सभा और हिमाचल प्रदेश सेब उत्पादक संघ ने किया। बाद में प्रदर्शनकारियों ने मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के विधायक राकेश सिंघा के साथ मिलकर मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर को एक ज्ञापन दिया। इससे पूर्व रैली को संबोधित करते हुए किसान नेताओं ने आरोप लगाया कि नरेंद मोदी सरकार ने पिछले आम चुनाव से पहले किसानों से किये वायदे तो पूरे नहीं किये, जाति और धर्म के नाम पर लोगों को लड़ रही है।
उन्होंने कहा कि केंद, ने स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट भी लागू नहीं की है। किसान सभा के संयुक्त सचिव बीजू कृष्णन ने कहा कि कैग रिपोर्ट ने फसल बीमा योजना को लेकर खुलासा किया गया है कि किसानों को तो कोई मदद नहीं मिली पर ज्ञारह बड़ कार्पोरेट कंपनियों को दस हजार करोड़ का लाभ मिला।
डॉ़ कृष्णन ने आरोप लगाया कि बड़ कार्पोरेट घरानों को लाभ पहुंचाने के लिए वन नीति, ठेका खेती और पट्टा कानून में भी बदलाव की कोशिश की जा रही है जो किसानों के हित के खिलाफ है। उन्होंने कहा कि केंद, की किसान विरोधी नीतियों के खिलाफ किसान सभा एक हस्ताक्षर अभियान चलाकर दस करोड़ किसानों के हस्ताक्षर जुटायेगी। उन्होंने कहा कि उनका संगठन नौ अगस्त को गिरफ्तारियां देगा और उससे पहले पांच मई को एक देशव्यापी प्रदर्शन किया जाएगा।
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