अक्सर हमें देखना है कि किसी सरकारी या निजी फूड आउटलेट के खाने में उल्टी सीधी चीजें निकलती हैं। इन खानों में कभी चूहा निकला है तो कभी छिपकली निकली है। ऐसी खबरों के बाद आउटलेट और कंपनी को बहुत आलोचना झेलनी पड़ती है। जबलपुर रेलवे स्टेशन का ऐसा ही मामला सामने आया है।
यहां के सरकारी स्टॉल से सुरेंद्र पाल नाम के एक शख्स ने समोसा खरीदा था और उसमें से मरी हुइ छिपकली निकली। जैसे ही सुरेंद्र पाल ने इसकी शिकायत की वैसे ही हर जगह तहलकर मच गया। लेकिन मामले में तब मोड़ आया जब पता चला कि आरोप लगाने वाला ही गड़बड़ करता है।
सुरेंद्र पर हुआ सीनियर डीसीएम को शक
सीनियर डीसीएम बसंत कुमार शर्मा के पास जब ऐसा मामला गया तो उन्हें ऐसा लगा कि ऐसा ही मामला पहले भी वह देख चुके हैं। जहां पर यह बवाल हुआ था वहां के रेलवे स्टेशन पर तुरंत उन्होंने जानकारी भेजी। शर्मा ने कहा कि गुंतकाल रेलवे स्टेशन पर इस शख्स ने बिरयानी में भी छिपकली निकलने की बात कही थी।
Guntakal Division
In joint operation one conman was caught who was fleecing the Railway Caterers by claiming lizard in food. He confessed his crime. He did similar trick in Jabalpur Division. Please beware of such elements, who bring Railways in bad light.@SCRailwayIndia pic.twitter.com/pZCX8LfzUd— DRM Guntakal (@drmgtl) July 23, 2019
अब उसने 14 जुलाई को जबलपुर स्टेशन पर छिपकली समोसे के अंदर निकलने की बात कही है। बता दें कि गुंतकाल स्टेशन पर पाल ने यह माना भी था कि इस ट्रिक को उसने अंजाम एक मछली की मदद से दिया था।
मुफ्त का खाना खाने के लिए ट्रिक करता था
गुंतकाल स्टेशन पर बिरयानी में छिपकली के मामले की जब जांच हुई तो उसमें शख्स की हरकत के बारे में पता चला गया था। उस समय शख्स का वीडियो मिल गया था और उसमें उसने कहा था कि, मैंने गलती की है, मैं एक बूढ़ा आदमी हूं और मानसिक रूप से बीमार हूं, मुझे ब्लड कैंसर भी है।
प्लीज मुझे जाने दो। पंजाब में एक आयुर्वेदिक दवा है। मैं एक मानसिक बीमारी ठीक करने के लिए एक प्रकार की मछली खाता हूं। इतना ही नहीं पूर्व सीनियर डीसीएम का खुद को पाल ने बेटा भी बताया था। अब यह नहीं पता कि यह बातें कितनी सची हैं। लेकिन यह हरकत शख्स मुफ्त में खाना खाने के लिए करता था।
1.5 करोड़ का फाइन लग चुका है वेंडरों के ऊपर शिकायत के चलते
रिकॉर्ड के अनुसार पिछले साल अक्टूबर तक रेल में बुरी गुणवत्ता की शिकायत 7500 रेल यात्री कर चुके हैं। वेंडरों में इसके चक्कर में 1.5 करोड़ का फाइन लग चुका है। अब ऐसे में सुरेंद्र पाल जैसे भी मामले आने लगे हैं जो ऐसी हरकतें सिर्फ फ्री का खाना खाने के लिए करते हैं। कई मामलों में सच्चाई भी होती है।