गणेश चतुर्थी का पर्व पूरे भारतवर्ष में काफी हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। मुख्यतौर पर ये पर्व महाराष्ट्र,गुजरात और मध्यप्रदेश में मनाया जाता है,लेकिन अब गणेश चतुर्थी का त्योहार देश में ही नहीं बल्कि विदेश में रहने वाले भारतीय लोग भी मनाने लगे हैं।
भाद्रपद की चतुर्थी को यह पर्व मनाया जाता है। ऐसा बताया जाता है कि इस दिन गणेश जी का जन्म हुआ था। गणेश जी को विध्रहर्ता कहा गया है। गणपति बप्पा की पूजा करने से जीवन में कई समस्याओं का निवारण होता है। इस साल गणेश चतुर्थी का त्योहार 2 सिंतबर के दिन मनाया जाना है।
गणेश जी एक ऐसे देवता है जिनका नाम किसी भी पूजा या शुभ काम में सबे पहले लिया जाता है। मान्यता है कि जो लोग गणेश चतुर्थी के दिन गणपति बप्पा को अपने घर बुलाते हैं साथ ही जो पूरी श्रद्घा से गणेश जी का पूजन करते हैं उन्हें सभी कष्टों से मुक्ति मिलती है।
गणेश जी को विनायक भी कहा जाता है। इसका मतलब होता है विशिष्ट नायक। बता दें कि गणेश जी की पूजा करते समय दूर्वा का खास महत्व होता है। बिना दूर्वा के इनकी पूजा अधूरी मानी जाती है।
इसके साथ ही गणेशजी को मोदक भी अतिप्रिय होता है। मोदक का अर्थ होता है। मोद आनंद इसे गणेश जी को अर्पित करने से वह प्रसन्न होकर आपकी सभी मुरादें पूरी करते हैं।
गणपति की पूजा करने से व्यक्ति की बुद्घि सही होती है। मन साफ होता है। लोग अपनी इच्छाओं को पूरी करने के लिए सच्चे मन से बप्पा की पूजा-अर्चना करते हैं जिससे की बप्पा खुश होकर उन्हें आशीर्वाद देते हैं।