भारत में प्राचीन काल से ही कई रीति-रिवाज़ो का काफी महत्व रहा हैं। और हर जगह के अपने-अपने अलग रीति-रिवाज़ माने जाते हैं। लेकिन फिर भी इनमें से जो रिवाज अमानवीय थे, उन्हें हटाने के लिए कई तरह के आंदोलन किये गए। इसमें सती प्रथा से लेकर छुआछूत तक को खत्म किया गया। इन रिवाजों की वजह से इंसान को जानवरों सा ट्रीट किया जाता था। जहां सती प्रथा में महिलाओं को पति के चिता के साथ जिंदा जला दिया जाता था, वहीं छुआछूत में छोटे जाति का बताकर लोगों को कई तरह से टॉर्चर किया जाता था। लेकिन रिवाज के बारे में आपको बताने जा रहे हैं, वो शायद समाज सुधारकों की नजर से छूट गई।
भारत में ये रिवाज महाभारत काल से चला आ रहा है, ये है बहुपति प्रथा। जी हां, जहां आज के समय में एक महिला ये बर्दाश्त नहीं कर सकती कि उसका पति किसी और महिला को देखे भी, वहीं इस प्रथा में एक महिला की शादी परिवार के कई भाइयों से कर दी जाती है। इसके बाद महिला को हर मर्द के साथ रात बितानी पड़ती है। जी हां, रिवाज के नाम पर ये घिनौना खेल हिमाचल प्रदेश के कई इलाकों में आज भी माना जाता है, खासकर यहां के किन्नौर में तो इसकी काफी मान्यता हैं।
यह की महिला होती है मुखिया
किन्नौर में ज्यादातर घरों में आपको बहुतपति प्रथा दिखाई दे जाएगी। यहां के परिवार की मुखिया महिला ही होती है। घर उसी के हिसाब से चलता है। परिवार के मर्द खेतों में काम करते हैं। अब कई लोग पैसे कमाने के लिए बाहर चले जाते हैं। इसी के साथ यहां महिला खुलेआम शराब का सेवन भी करती है। ऐसा ठंड से बचाव के लिए किया जाता है। बात अगर इतिहास की करें, तो कहा जाता है कि ये प्रथा यहां पांडवों की वजह से शुरू हुआ। अपने अज्ञातवास के दौरान एक साल ये पांडव यहां रहे थे। उन्हीं से प्रेरित होकर यहां के लोगों ने भी बहुपति प्रथा की शुरुआत की जो आजतक चली आ रही है।