भारत इस साल अपना 73वां स्वतंत्रता दिवस मना रहा है। पतंगबाजी 15 अगस्त के दिन खासतौर पर उत्तर भारत में देखने को मिलती है। बच्चों से लेकर युवा तक सारे लोग 15 अगस्त के दिन पतंग उड़ाते हैं। पतंग उड़ाने का मजा लोग अपनी-अपनी छतों पर लेते हैं।
लोग माझा लेकर घंटों तक छत पर पतंग उड़ाते हैं। कोई खास पर्व पतंग उड़ाने के लिए नहीं है लेकिन जो खुशी आजादी के दिन पतंग उड़ाने में है वह किसी ओर दिन नहीं है। उत्तर भारत में स्वतंत्रता दिवस के दिन पतंग उड़ाना खास रिवाज है। इसके अलावा संक्रांति पर भी लोग पतंग उड़ाते हें।
स्वतंत्रता दिवस के खास अवसर पर पतंगबाजी का रिवाज खासतौर पर दिल्ली, लखनऊ और पूरे गुजरात में है। अलग-अलग तस्वीरों वाली मार्केट में पतंग आती हैं। इस अवसर पर राजनेताओं के अलावा सरकार की, बॉलीवुड के अभिनेता एवं अभिनेत्रियों, कार्टूनों, तिरंगों की तस्वीर वाली पतंगें मार्केट में मिलती हैं।
स्वतंत्रता दिवस मनाने की ये हैं कुछ रोचक बातें-
पतंगबाजी का शौक लोगों में बहुत पुराना है। लोगों की मानें तो भारत में पतंगबाजी चीन के बौध्द तीर्थयात्रियों के जरिए आई थी। लोग पतंगबाजी स्वतंत्रता दिवस और रक्षाबंधन के दिन बहुत करते हैं। खुशी का इजहार लोग आसमान में पतंग उड़ाकर करते हैं। दिल्ली, हरियाणा, उत्तरप्रदेश भारत के इन शहरों में पतंग बहुत उड़ाई जाती है।
पूरे दिन काटा, कट गई, लूटो, पकड़ो और आई पो जैसे शब्द गूंजते रहते हैं। पतंगबाजी की जब भी बात आती है तो सबसे पहला नाम अहमदाबाद की पतंगबाजी का आता है। आसमान इंद्रधनुषी रंगों जैसा इस दिन दिखाई देता है।
इतना ही नहीं पतंगबाजी का खेल हैदराबाद और लाहौर में दिखाई देता है। पतंगबाजी के इतिहास की बात करें तो लगभग 25000 सालों पुराना है। लोग कहते हैं कि पतंगबाजी की शुरुआत चीन ने पहले की थी।