पुरुषों से ही दिल की बीमारी को जोड़ा जाता रहा है लेकिन हाल ही में हुए सर्वे में पता चला है कि पुरुषों की तुलना में हर साल दिल की बीमारी से महिलाओं की ज्यादा मौत होती है। महिलाओं में कुछ मामलों में पुरुषों के मुकाबले अलग लक्षण दिखाई देते हैं।
इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च के संयुक्त शोध के अनुसार भारतीय महिलाओं में धमनियों से संबंधित 5.8 फीसदी दिल की बीमारी होती है। अचानक मौत धमनियों की बीमारी से 64 फीसदी महिलाओं की हो जाती है। इसी वजह से महिलाओं में लक्षण सही तरीके से दिखाई नहीं देते हैं।
ये हैं कारण
आजकल महिलाएं घर और ऑफिस दोनों संभालती हैं जिसकी वजह से पुरुषों के मुकाबले उनमें तनाव का स्तर भी दोगुना होता है। दोगुना तनाव दिल की बीमारी को और भी बढ़ा देता है। इसमें कई कारण मोटापा, व्यायाम से दूरी, फैमिली हिस्ट्री, धूम्रपाप और ज्यादा शुगर का स्तर ये भी हैं।
जो महिलाएं मेनोपॉज समय से पहले यानी 50 साल आ जाता है या फिर उनकी कोई सर्जरी हुई हो उन महिलाओं पर दिल की बीमारी का खतरा सामान्य महिलाओं से ज्यादा बढ़ जाता है। इस परेशानी को खानपान, व्यायाम और लाइफस्टाइल में बदलाव करने से रोका भी जा सकता है।
ऐसे होते हैं लक्षण
पुरुषों से अलग महिलाओं में दिल की बीमारी के लक्षण दिखाई देते हैं। इनमें से गर्दन, जबड़े, कंधे, कमर का ऊपरी हिस्सा या उदर के आसपास बेचैनी, सांसों का छोटा होना, दाहिने हाथ में दर्द, उल्टी महसूस होना, सिर हल्का लगना, बेहोशी छाना या थकावट ये लक्षण महिलाओं में दिखाई देते हैं।