भारत में अलग-अलग धर्म और जाति के लोग रहते हैं और उनकी अपनी रीति-रिवाज होती है। मगर सिर्फ भारत ही नहीं बल्कि दुनियाभर में अलग-अलग जाति-जनजाति और समुदाय के लोग होते है जिनके अपनी मान्यताएं होती है और वो उसी का पालन करते हैं। इन रीति रिवाजों का अलग-अलग महत्व होता है, लेकिन कई रीति रिवाजों के बारे में जानकर हैरानी होती है। आज हम आपको कुछ ऐसे ही धार्मिक रिवाजों के बारे में बताने वाले हैं।
नमक मांगना माना जाता है जुर्म
नमक के बिना खाने में स्वाद ही नहीं आता है और कई बार ये ज्यादा और कम भी हो जाता है। मगर क्या आप जानते है कि दुनिया में एक ऐसी जगह भी है जहां नमक मांगना एक अपराध है। जी हां, मिस्र में नमक मांगना जुर्म माना जाता है। अगर आप यहां पर किसी के घर मेहमान बनकर जाते हैं, तो भूलकर भी खाने में नमक नहीं मांगे। मिस्र में नमक मांगना मेजबान का अपमान माना जाता है।
जलती आग पर चलना
भारत के पड़ोसी देश चीन में भी लोग एक अजीब ही रिवाज को फॉलो करते हैं। यहां पर पति को प्रेग्नेंट पत्नी को लेकर जलती आग पर नंगे पैर चलना पड़ता है। माना जाता है कि ऐसा करने से डिलिवरी में आसानी होती है। इसलिए आज भी लोग इस रिवाज का पालन करते हैं।
शव के साथ डांस
डेड बॉडी को लोग अपने आस-पास भी देख ले तो उनकी हालत खराब हो जाती है लेकिन दुनिया में एक ऐसी जनजाति भी है जो मुर्दों के बीच में डांस करते हैं। दरअसल, मेडागास्कर में रहने वाली मालागासी जनजाति में एक फामादिहाना नाम की परंपरा पालन किया जाता है। इस रिजाव का पालन हर सात साल पर किया जाता है।
इस रिवाज में जनजाति के लोग अपने पूर्वजों के शवों को बाहर निकालते हैं और फिर उनको नए कपड़े में लपटते हैं। इसके बाद गाना गाते हैं और कब्र के चारों तरफ डांस करते हैं। मान्यता है कि ऐसा करने से उनके पूर्वज सुखी और संपन्न रहने का आशीर्वाद देते हैं। ये वहां का काफी पुराना और मशहूर रिवाज है जिसका लोग पालन करते हैं।
फुकेत वेजिटेरियन फेस्टिवल
थाईलैंड के फुकेट में हर साल ना जाने कितने लोग घूमने जाते हैं। फुकेट टूरिस्ट के बीच काफी फेमस है। मगर क्या आप जानते है कि फुकेट में हर साल वेजिटेरियन फेस्टिवल मनाया जाता है। इस दौरान कुछ ऐसा नजारा देखने को मिलता है जिसे देखकर आपके होश ही उड़ जाएंगे। इस फेस्टिवल से 9 दिन पहले से लोग मांस खाना बंद करते हैं, लेकिन इस फेस्टिवल में लोग अपने गाल और होठों को नुकीले चाकू या तलवार से चीरते हैं। लोगों का मानना है कि ऐसा करने से ईश्वर उनकी रक्षा करते हैं।
पीते हैं खून
आपने ये कहावत तो बहुत सुनी होगी कि खून पीता है मगर दक्षिणी केन्या के उत्तरी तंजानिया में रहने वाली मसाई नाम की जनजाति पर ये कहावत बिल्कुल सटीक बैठती है क्योंकि इस जनजाति के लोग अलग-अलग शुभ अवसरों पर गाय का खून पीते हैं। बच्चे के जन्म और शादी में ऐसा करते हुए लोगों को देखा जा सकता है। पहले लोग गाय को तीर से घायल करते हैं और फिर चूसकर खून पीते हैं। खास ख्याल रखा जाता है कि इस दौरान गाय की मौत न होने पाए।