भगवान शिव ने भैरव रूप का अवतार मार्गशीर्ष यानी अगहन मास की अष्टमी को लिया था। कालभैरव अष्टमी इस दिन इसलिए मनाते हैं। काल भैरव की पूजा-अर्चना इस दिन करते हैं। साथ ही कई उपाए काल भैरव को खुश करने के लिए भी करते हैं।
मान्यताओं के अनुसार जो उपाय अष्टमी की रात को किया जाता है वह बहुत ही फलदायक होता है। कहते हैं कि भूत-प्रेत,नकारात्मक शक्तियां इस दिन काल भैरव की पूजा करने से घर से समाप्त हो जाती हैं। ऐसा कहा जाता है कि चारों तरफ से खुशियां इस दिन चमत्कारी उपाए करने से आती हैं। चलिए बताते हैं आपको इस दिन कौन से उपाए करने चाहिए।
11 रुपए के साथ ये चीजें जरूर चढ़ाएं काल भैरव को
सवा सौ ग्राम काले तिल, सवा 11 रुपए, सवा सौ ग्राम काले उड़द, सवा मीटर काले कपड़े में एक पोटली बनाकर काल भैरव जयंती पर भैरव बाबा के मंदिर में चढ़ा दें।
भोग लगाएं सवा किलो जलेबी का
भैरव बाबा को सवा किलो जलेबी बुधवार या काल भैरव जयंती पर चढ़ाएं। इसके साथ ही कुत्तों को भी जलेबी का एक भाग जरूर खिलाएं। यह उपाए करने से आर्थिक लाभ आपके जीवन में होगा।
5 नींबू चढ़ाएं भैरव नाथ को
भैरव बाबा को 5 गुरुवार या काल भैरव जयंती के दिन 5 नींबू चढ़ा दें। काल भैरव की कृपा इस उपाए करने वाले व्यक्ति पर हमेशा बनी रहेगी।
33 अगरबत्तियां लगाएं इन्हें
किसी भी भैरव मंदिर में रविवार, शुक्रवार या काल भैरव जयंती के दिन चंदन, गुलाब और गुगल की खुशबूदार 33 अगरबत्तियां जलानी चाहिए।
मदिरा पिला दें भिखारी को
मदिरा का भोग भैरव बाबा को काल भैरव जयंती पर लगाते हैं। मदिर इसलिए चढ़ाई जाती है क्योंकि उन्हें वह बहुत पसंद है। किसी भी कोढ़ी, भिखारी को इसलिए उनके निमित्त दान कर दें।