अक्सर आपने प्रतियोगी परीक्षाओं में ऐसे प्रश्न जरूर सुने होंगे जो हमारी रोज की दिनचर्या से जुड़े होते हैं। ऐसे सवाल प्रतियोगी परीक्षा में पूछे जाते हैं जिन्हें पढ़कर छात्र यही कहते हैं कि कहीं तो सुना हुआ है। हालांकि जवाब सही से याद नहीं आता है लेकिन सुन जरूर रखा है।
रेलवे बोर्ड पर समुद्र तल से ऊंचाई लिखा होता है। अब यह सवाल किसी प्रतियोगी परीक्षा में पूछा गया आखिर यह रेलवे बोर्ड पर क्यों लिखते हैं। चलिए इस सवाल का जवाब आज हम आपको बता देते हैं कि समुद्र तल से ऊंचाई आखिर क्यों रेलवे बोर्ड पर लिखा जाता है।
बता दें कि मापने के लिए इस्तेमाल किया जाता है बोर्ड पर समुद्र तल से ऊंचाई लिखा हुआ।
पृथ्वी को गोल वैज्ञानिकों ने माना है। इसी वजह से मापने के लिए ऐसे ही तल की जरूरत वैज्ञानिकों को होती है। जो कि एक समान रहे।
इसी वजह से समुद्र ही बेहरत ऑप्शन है और वैज्ञानिक इसे बेहतर मानते हैं।
समुद्र तल से ऊंचाई लिखने में फायदा भी है। अगर 200 मीटर समुद्र तल की ऊंचाई से कोई ट्रेन 300 मीटर समुद्र तल की ऊंचाई से चलती है तो चालक यह अंदाजा आराम से लगा सकता है कि कितनी गति में उसे ट्रेन को बढ़ाना है और नहीं।
इसके साथ ही एक सामान ऊंचाई देने में ट्रेन के ऊपर लगे बिजली के तारें भी देते हैं। दरअसल ट्रेन के तारों से बिजली के तार हर समय संपर्क में ही रहें। रेलवे के बारे में ऐसे ही कुछ सवाल रेलवे भर्ती की परीक्षाओं में पूछे जाते हैं और इनके बारे में पता होना जरूरी है। हालांकि कई ऐसी चीजें हमारे आस-पास लिखी जाती हैं जिनके बारे में हमें कुछ नहीं पता होता और उनका मतलब बहुत ही गहरा होता है।