हिंदू धर्म में भोलेनाथ की पूजा अर्चना के लिए सोमवार का दिन माना गया है। भोले भंडारी भी भगवान शिव को कहते हैं। भगवान शिव को सोमवार के दिन समर्पित किया गया है। मान्यताओं के अनुसार,भक्तों की सारी मनचाही मुरादें भोलेनाथ की पूजा करने से पूरी हो जाती हैं। ऐसा कहा जाता है कि व्यक्ति को शुभ फल मिलता है अगर विधि-विधान से इनकी पूजा करते हैं।
भक्तों को सोमवार के व्रत का शुभ फल भोलेनाथ को उनकी पसंदीदा वस्तुएं भोग में चढ़ाने से मिलता है। मान्यता है कि भगवान शिव के लिए 16 सोमवार के व्रत कुंवारी कन्याएं रखती हैं तो शिवजी जैसा वर उन्हें मिलता है। चलिए सोमवार की पूजा विधि आपको हम बताते हैं। अगर हो सके तो सोमवार का व्रत भी आप रख सकते हैं। अगर व्रत नहीं रख पाते तो शिवजी की पूजा अर्चना आप सोमवार के दिन जरूर करें इससे भोलेनाथ प्रसन्न हो जाएंगे।
भोलेनाथ की पूजा इस तरह सोमवार को करें
1. ब्रह्म मुहूर्त में सोमवार को उठना चाहिए। नित्यकर्मों को पूरा करके स्नानादि से निवृत्त हो जाएं।
2. उसके बाद मंदिर या अपने घर के पूजा घर में जांए और गंगाजल और दूध भोलेनाथ के साथ माता पार्वती और नंदी को चढ़ाएं।
3. फिर धतूरा, भांग, आलू,चंदन,चावल शिवलिंग पर चढ़ाएं। उसके बाद तिलक सभी को लगाएं। धूप और दीप इसके बाद जलाएं। पूजा के दौरान गणेश जी की आरती सबसे पहले करें फिर शिवजी जी आरती करें।
4. उसके बाद घी,शक्कर या प्रसाद का भोग भोलेनाथ को लगाएं। फिर वह भोग प्रसाद के रूप में सबको बांट दें।
5. बिल्व पत्र शिवजी को बहुत पसंद हैं। शिवजी प्रसन्न होते हैं यह अर्पित करने से।
6. महामृत्युंजय मंत्र का जप भोलेनाथ की पूजा के समय 108 बार करना चाहिए। ऐसा करने से शांति और सुख-समृद्धि आती है।
7. नमः शिवाय,ऊं नमः शिवाय मंत्र का जप पूजा के दौरान करें।
8. सोमवार के दिन व्रत पूरे दिन रखें। उसके बाद अपना व्रत पूजा करने के बाद खोल दें। अगर संभव हो सके तो फलाहार पर यह पूरा व्रत रखें।