आपने वैसे कभी गौर किया हो तो स्वास्तिक हर दिशा से देखने पर एक समान दिखाई देता है। इसी वजह से स्वास्तिक को घर के वास्तु दोष को दूर करने के लिए बहुत लाभदायक माना जाता है। दरअसल स्वास्तिक को वास्तुशास्त्र में वास्तु का प्रतीक भी माना गया है। माना जाता है कि अगर घर के मुख्य द्वार की दोनों ओर अष्ट धातु का स्वास्तिक लगाया जाए और द्वार के ठीक ऊपर मध्य में अगर तांबे का स्वास्तिक लगा दिया जाए तो वास्तुदोष दूर होता है।
स्वास्तिक के इस्तेमाल से धन से लेकर हर बड़ी से बड़ी परेशानी से मुक्ति मिल जाती है। हिंदू धर्म में किसी भी शुभ कार्य की शुरूआत के सबसे पहले स्वास्तिक को ही अंकित किया जाता है। ज्योतिष में इस मांगलिक चिन्ह् को सफलता का प्रतीक माना गया है। तो चालिए जानते हैं स्वास्तिक के सभी लाभों के बारे में…
1.पंचधातु का स्वास्तिक
जिंदगी में अगर किसी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है तो ऐसे में आप पंचधातु के स्वास्तिक का प्राण प्रतिष्ठा करवाकर चौखट पर लगा लें। इससे आपको सकारात्मक परिणाम मिलेंगे। वहीं देवी लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए चांदी में नवरत्न लगवाकर पूर्व दिशा में स्वास्तिक लगा लें।
2.लगाएं मुख्य द्वार पर स्वास्तिक
अगर आपके घर में कोई परेशानी चल रही है या फिर घर का कोई सदस्य हमेशा बीमार रहता है तो ऐसे में आप घर के मुख्य द्वार पर स्वास्तिक का चिन्ह् बना लेने से आपकी सभी परेशानियां दूर होंगी।
3.करें इस दोष को दूर
यदि आपके घर के सामने पेड़ या खंभा है तो यह एक अशुभ संकेत है। इसके दुष्प्रभावों को रोकने के लिए घर के मुख्य द्वार पर रोजाना स्वास्तिक बनाएं।
4.कार्यस्थल पर स्वास्तिक बनाना शुभ
व्यापार में वृद्घि के लिए कार्यस्थल पर भी स्वास्तिक बनाना शुभ होता है। ध्यान रखें कार्यस्थल पर उत्तर दिशा में हल्दी से स्वास्तिक बनाने से कई सारे लाभ होते हैं।
5.बनाएं उल्टा स्वास्तिक
स्वास्तिक मनोकामनाओं या धन लाभ के लिए ही नहीं बल्कि स्वास्थ्य के लिए भी शुभ होता है। अगर आपको बुरे सपने या फिर बेचैनी होने की वजह से नींद नहीं आती तो ऐसे में आप सोने से पहले तर्जनी से स्वास्तिक बनाकर सोएं।
आप खुद से फर्क महसूस करेंगे। वहीं इच्छापूर्ति के लिए किसी मंदिर में जाकर वहां कुमकुम या गोबर का उल्टा स्वास्तिक चिन्ह् बना लें और जब आपकी मनोकामना पूरी हो जाए तब आप मंदिर जाकर सीधा स्वास्तिक बनाएं।