एक सास ही इस दर्द को अच्छी तरह समझ सकती है कि सास भी कभी बहु थी। दरअसल ऐसा हम इसलिए कह रहे हैं क्योंकि एक सास-ससुर ने अपनी बहू को बेटे की मौत के बाद बिल्कुल बेटी की तरह प्यार दिया। इतना ही नहीं उसकी दोबारा शादी करके जीवन फिर से बसाया।
सास-ससुर ने जीवन को नया रंग विधवा बहू के हाथ पीले करके दिया। बता दें कि एमपी के रतलाम का यह मामला बताया जा रहा है। यहां के बुजुर्ग दंपति ने अपनी बहू का बेटी की तरह पुर्नविवाह करके उसे घर से वैसे ही विदा किया जैसे एक बेटी को करते हैं। दरअसल उनकी उम्र बढ़ रही थी जिसको देखते हुए उन्होंने ऐसा फैसला किया।
यह शादी लॉकडाउन के दौरान हुई है और हर जगह इसकी चर्चा हो रही है। यह शादी 3 परिवारों के सीमित सदस्यों के बीच सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए की गयी। बता दें कि 65 साल की सरला जैन रतलाम के काटजू नगर में रहती हैं। 6 साल पहले आष्टा निवासी सोनम के साथ उनके बेटे मोहित जैन का विवाह हुआ था।
बेटे की मौत हो गयी थी 3 साल बाद
सरला जैन के बेटे मोहित की मौत शादी के 3 साल बाद कैंसर से हो गयी थी। हालांकि मोहित की बहू सोनम ने 3 सालों तक पति की सेवा की थी लेकिन वह बच नहीं पाए थे। पति की मौत के बाद सास-ससुर के पास सोनम बेटी की तरह रहने लगी। सोनम की सास ने उसकी सेवा और जीवन की खुशियों के बारे में सोचा। उसके बाद सोनम के पुर्नविवाह के बारे में अपने भाई ललित और सोनम के परिवार वालों से बात की। सरला जैन के फैसले पर सब एक स्वर में राजी हो गए जिसके बाद सोनम का रिश्ता नागदा में एक परिवार में तय कर दिया।
नागदा में शादी होनी थी
नागदा जा कर परिजनों ने शादी करनी थी। हालांकि शादी के लिए होटल भी बुक करवा दिए थे। लेकिन लॉकडाउन के कारण शादी परेशानियां आ गयीं। प्रशासन से मोहित के मामा ललित कांठेड़ ने बात की और बहू सोनम की फिर से शादी अपने ही घर पर करा दी।
विदा किया बेटी के रूप में
6 साल पहले सोनम की सास उसे घर में बहू के रूप में लाई थीं। सोनम को घर से विदा उन्होंने एक मां के रूप में सोमवार को किया। सोनम के सास-ससुर की आंखों में इस मौके पर आंसू छलक आए। वहां मौजूद हर शख्श की आंखें विदाई के वक्त नम हो गयीं।