महादेव को भोलेनाथ के रूप में पूजा जाता है।श्रद्धा सहित जल चढ़ाने से ही शिवजी अपने भक्तों पर प्रसन्न होते हैं। आज हम बताएंगे भगवान शिव पर जल चढ़ाते समय कौन से मंत्र का उच्चारण करना चाहिए ताकि भगवान से मनचाहा वरदान पा सके।
फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को महाशिवरात्रि का पर्व मनाया जाता है। इस बार यह शुभ तिथि 18 फरवरी दिन शनिवार को है। इस दिन भगवान शिव ज्योतिर्लिंग के रूप में प्रकट हुए थे। इस बार महाशिवरात्रि पर शनि प्रदोष, सर्वार्थ सिद्धि जैसे कई महान योग बन रहे हैं, जिससे इस दिन का महत्व और भी बढ़ गया है। जानते है शिव पर जल चढ़ाने का सही तरीका।
महादेव को जल चढ़ाते समय इस बात का विशेष ध्यान रखें कि कभी भी पूर्व दिशा की ओर मुंह करके जल न चढ़ाएं। पूर्व दिशा को भगवान शिव का मुख्य प्रवेश द्वार माना जाता है।
भोलेनाथ को कभी भी बहुत तेज या बड़ी धारा में जल नहीं चढ़ाना चाहिए। भगवान को जलाभिषेक करते समय शांत मन से धीरे-धीरे जल अर्पित करना चाहिए।
शिवजी को जल चढ़ाते समय ध्यान रखें कि जल हमेशा कलश से ही चढ़ाएं। शिवजी का अभिषेक करने के लिए तांबे का पात्र सबसे अच्छा माना जाता है।
महाशिवरात्रि के इस पावन अवसर पर यदि आप भगवान शिव की कृपा प्राप्त करना चाहते हैं तो उन्हें प्रसन्न करने के लिए शिव के मंत्रों का जाप करना चाहिए। आइए जानते भगवान शिव के किस मंत्र को जपने से मिलेगा आपको मनचाहा वरदान प्राप्त होगा।
ॐ नमो नीलकण्ठाय । ॐ पार्वतीपतये नमः । ॐ पशुपतये नम:।
इस मंत्र को महाशिवरात्रि के दिन रुद्राक्ष की माला लेकर 11 माला जपना चाहिए। इससे मन की हर मनोकामना पूरी होती है। इसके साथ आप इस मंत्र का जाप भगवान शिव को जल चढ़ाते समय भी कर सकते है।
ध्यान रहे कि भगवान को हमेशा दाहिने हाथ से जल चढ़ाएं और बाएं हाथ से दाहिने हाथ का स्पर्श करें।