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जब अस्पताल ने नहीं दिया वाहन,परिजन को कपड़े में लटकाकर ले जाना पड़ा शव

ओडिशा से एक बेहद ही दुखद मामला सामने आया है। इधर कालाहांडी जिला के गुनुपुर में एक अस्पताल है जहां पर इलाज के समय में ही एक व्यक्ति के रिश्तेदार का निधन हो गया।

ओडिशा से एक बेहद ही दुखद मामला सामने आया है। इधर कालाहांडी जिला के गुनुपुर में एक अस्पताल है जहां पर इलाज के समय में ही एक व्यक्ति के रिश्तेदार का निधन हो गया। इसके बाद उस शख्स को जबरदस्ती अपने रिश्तेदार के शव को अंतिम संस्कार के लिए डंडों से बंधे एक कपड़े में लटकाकर लाना पड़ा। उन्होंने इसलिए ऐसा किया क्योकि उन्हें शव ले जाने के लिए अस्पताल वालों ने वाहन उपलब्ध नहीं करवाया था। अब इंटरनेट पर लोग इसकी कड़ी आलोचना करते दिखाई दे रहे हैं।
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सोमवार को बंद रहते हैं वैन

इस पूरी घटना पर परिवार वालों ने बताया कि हमने एक शव वाहन के लिए पूछा भी लेकिन मेडिकल ऑफिसर ने हमें कहा कि वो सोमवार के दिन शव वाहन नहीं चलाते हैं। इतना ही नहीं राज्य में स्पेशल राज्य सरकार द्वारा महाप्रयाण योजना लागू करी गई है जिसके तरह जिसके तहत अस्पतालों से शवों को मुफ्त में ले जाने का प्रावधान है।

5 किमी पैदल शव को लेकर चले

सूत्रों के अनुसार परिवार वाले अंतिम संस्कार के लिए शव को करीब पांच किलोमीटर तक पैदल लेकर गए। दिहाड़ी मजदूर होने की वजह से उनके पास निजी वाहन करने तक के भी पैसे नहीं थे। लेकिन जक कोशिशें करने के बाद भी मदद नहीं मिल सकी तो उन्होंने शव को कपड़े के लंबे टुकड़े में डालकर उसे ही एक गोफन बना दिया।
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इस पूरी घटना पर थुआमुल रामपुर गवर्नमेंट हॉस्पिटल के मेडिकल ऑफिसर ने कहा कि उस मरीज को सुबह 9 बजे लाया गया था,जिसकी दिन के समय करीब 1 बजकर 45 मिनट पर मौत हो गई। उन्होंने वाहन की तलाश भी की ताकि वह शव को अपने गांव ले सकें,लेकिन उन्हें वाहन नहीं मिल पाई। हमारे अस्पताल में जूनागढ,कालमपुर और थुआमुल रामपुरक के लिए एक ही गाड़ी है।

    

लोगों ने की इसकी आलोचना…

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