ट्रेन में जब व्यक्ति आपातकाल की स्थित में होता है उस वक्त इंसान ट्रेन की चेन खींच देता है। लेकिन इस चेन को बेवजह खींच देने पर भारी भरकम जुर्माना या जेल भी जाना पड़ जाता है। हाल ही में चेन खींच देने से जुड़ा एक बेहद अजीबो-गरीब मामला सामने आया है जिसकी जोरो-शोरों से चर्चा हो रही है। एक मां-बेटा नई दिल्ली से भोपाल शताब्दी एक्सप्रेस में यात्रा कर रहे थे।
ट्रेन में नाश्ता दिया गया। लेकिन नाश्ता खत्म होने से पहले ही ट्रेन स्टेशन आ पहुंची जहां पर इन मम्मी और बेटे को उतरना था। अब बेटे ने अपनी मम्मी की फिकर में जब तक मां आराम से नाश्ता पूरा खा ले इसके लिए बेटे ने चेन खींचकर टे्रन को रुकवा डाला। मां के लाडले का नाम मनीष अरोड़ा है।
मथुरा जंक्शन उतरना था
जिस ट्रेन में ये मां-बेटा सफर कर रहे थे यह नई दिल्ली से चली थी। इन दोनों को मथुरा जंक्शन उतरना था। लेकिन जब ट्रेन मथुरा जंक्शन पर पहुंची तब तक मनीष की मां का नाश्ता खत्म नहीं हुआ था। बेटे को लगा होगा कि उसकी मम्मी जल्दी-जल्दी नाश्ता खत्म करना पड़ेगा इसलिए बेटे ने ट्रेन की इमरजेंसी चेन को ही खींचना सही समझा। ताकि जब तक उसकी मां नाश्ता कर रही है तो ट्रेन मथुरा जंक्शन पर ही ठहरी रहे और जब मां का नाश्ता खत्म हो जाएगा तो वह आराम से उतर जाएंगे।
तभी हुआ केस दर्ज
लेकिन उस मां के लाडले को कहां मालूम था कि एक चेंन खींचना उनकी गले की घंटी बन जाएगा। जी हां बता दें कि बिना किसी बात के ऐसे चेन खींचकर ट्रेन को रोकना आपराध की श्रेणी में आता है।
फिर क्या था चेन पुल करने और ट्रेन की आवाजाही रोकने के आरोप में मनीष पकड़े गए। उन पर रेलवे एक्ट के सेक्शन 141 के तहत मामला दर्ज कर लिया गया। हालांकि मनीष ने अपनी गलती तभी स्वीकार भी कर ली थी। बाद में उन्हं जमानत मिल गई।