मॉडल और अभिनेता दिनेश मोहन को यदि 60 साल का जवान कहा जाए तो इस बात में कोई दोराए नहीं होगा। क्योंकि उनकी उम्र भी उनकी गजब की फिटनेस और एनर्जी युवाओं को मात देती नजर आती है। कई नामी-गिरामी फैशन डिजाइनर्स के लिए रैंप वाक और मॉडलिंग कर चुके दिनेश मोहन को देखकर हर कोई यही सोचता है कि ये इंसान चकाचौंध की दुनिया का ही बाशिंदा रहा होगा। लेकिन जब इनकी जिंदगी की गहराई में उतरकर झांकने पर एक अलग ही तस्वीर दिखाई देती है।
आज भले ही दिनेश मोहन अपनी जिंदगी में बहुत खुश हो लेकिन वह अपनी जिंदगी के वो पल कभी नहीं भूलते जब उन्हें कितनी सारी कठिनाईयों का सामना करना पड़ा था। जी हां आपको बता दें कि करीब 12 साल तक डिप्रेशन के अंधेरे में रहने वाले दिनेश ने फैशन की जगमगती दुनिया का जो सफर तय किया है। वो वाकई में प्रेरणादायक है।
दिनेश मोहन की जिंदगी एक आम व्यक्ति की तरह ही थी. पढ़ाई पूरी कर अच्छी नौकरी, पैसा, शादी और व्यवस्थित जिंदगी थी। उनके माता-पिता ने उनकी कुछ समय बाद शादी कर दी। लेकिन वह अपनी शादी शुदा जिंदगी में कभी खुश नहीं रह सके।
शादी के बाद से ही दिनेश तनाव में रहने लगे। शादी के करीब 10 साल तक पारिवारिक तनावपूर्ण वातावरण में रहने के बाद उन्होंने अपनी पत्नी को तलाक दे दिया। तलाक के बाद उनके बेटे की कस्टडी उनकी पत्नि को मिली और वे अकेले रह गए।
कुछ समय बित एक रोज़ उनका बेटा उनके पास वापस आ गया। क्योंकि उनकी पत्नी का निधन हो गया। बेटे के मन में पिता के प्रति गुस्सा था जो कुछ वक्त बाद सही हो गया और दिनेश भी अपने बेटे के साथ ख़ुश रहने लगे।
लेकिन शायद ये ख़ुशी उनकी किस्मत में नहीं थी। उनके पास आने के पहले उनके बेटे को कुत्ते ने काटा था, जिसकी वजह से उनके बेटे को रेबीज़ हो गया और करीब 6 महीने साथ रहने बेटे का भी देहांत हो गया।
बेटे का जाना दिनेश को तोड़ गया. वे गहरे अवसाद में जाते गए. हर वक़्त वे खुद की किस्मत को कोसते रहते कि आखिर उनके साथ ही ऐसा क्यों हुआ? न वे ख़ुद पर ध्यान दे पा रहे थे, न ही नौकरी पर और उन्होंने सब कुछ छोड़ दिया। नौकरी से वी०आर०एस० लेने के बाद वे अपनी बहन मोना और उनके पति के साथ गुडगाँव में रहने लगे। वो वहां पर भी दिन भर वे एक कमरे में पड़े रहते और पुरानी बातें सोचते रहते. उनका वजन बढ़ने लगा. शुगर, बी०पी० जैसे कई बीमारियों ने उन्हें घेर लिया।
लेकिन उनकी ज़िंदगी में एक दिन ऐसा कुछ हुआ, जिसने सब कुछ बदल दिया। कुछ समय बाद परिवार वालो के बहुत समझने के बाद उन्होंने तय कर लिया कि पिछली सारी बातें भुलाकर उन्हें नये सिरे से अपनी जिंदगी शुरू करनी होगी।
इतने सालों में उनका वजन बढ़कर 125 किलो हो चुका था। बाद उन्होंने स्विमिंग करनी शुरू की और साथ में जिम भी करना शुरू किया था। इसके साथ -साथ वे एक डायटिशियन के पास गए और ख़ुद की फ़िटनेस पर काम करने लगे।
जिसके बाद उन्होंने अपना अच्छा खासा वजन कम किया और फिटनेस प्राप्त कर ली। दिनेश मोहन के पड़ोस में एक पत्रकार रहा करता था। उसने जब उनका कायाकल्प देखा, एक दिन उसने दिनेश मोहन का इंटरव्यू किया और उनके डिप्रेशन से बाहर आने और फिजिकल ट्रांसफॉर्मेशन की कहानी अपने न्यूज़ पेपर में छाप दी।
यहीं से दिनेश मोहन की जिंदगी ने करवट बदली। यह 2014 का साल था। उनका इंटरव्यू एक मॉडलिंग एजेंसी ने पढ़ा। उस मॉडलिंग एजेंसी को उनकी ही उम्र के एक मॉडल की आवश्यकता थी।उन्होंने दिनेश मोहन को फ़ोन किया और ऑडिशन के लिए बुलाया।
पहले दिनेश मोहन ने मना कर दिया क्योंकि उन्हें मॉडलिंग का कोई आईडिया नहीं था।लेकिन उनके बहनोई ने उनका साथ दिया और दिनेश को ख़ुद ऑडिशन के दिन मॉडलिंग एजेंसी पहुँचे।
ऑडिशन का माहौल देखकर दिनेश मोहन घबरा से गए थे। लेकिन वे ऑडिशन में चुन लिए गए और उसके बाद से उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। एक के बाद एक प्रोजेक्ट्स पर वे काम करते गए। खास बात ये हुई मॉडलिंग के बाद उन्होंने एक्टिंग में भी हाथ आजमाया।
एक फिल्म फ़ेस्टिवल में बेस्ट एक्टर के अवार्ड से नवाज़े गए। बाद में उन्होंने विभिन्न सीरियल्स, शॉर्ट फ़िल्म्स, वेब सीरीज और फ़ीचर फ़िल्म्स में काम करते आ रहे हैं।
करीब 12 साल के बाद कुछ इस तरह सफर तय करना उनके लिए नया जन्म लेने जैसा था। आज उनका जीवन के प्रति नज़रिया बदल गया है। मॉडलिंग और एक्टिंग ने उन्हें नए जीवन की राह दिखाई। वे आत्मविश्वास और हौसले से भरे नज़र आते हैं। दौलत और शोहरत दोनों उनके पास है।