आज के इस दौर में इंसान, उसके लिंग और जाति-धर्म की पहचान उसके कपड़ों से हो रही है वहीं पुणे के एक कॉलेज के तीन लड़कों ने नई मिसाल पेश की है। उन्होंने समाज को जेंडर इक्वेलिटी यानी लैंगिक समानता पर एक संदेश देने की कोशिश की है। पुणे के फग्युुर्सन कॉलेज में ये तीनों छात्र पढ़ते हैं और इन्होंने अपेन कॉलेज के एनुअन ट्रेडिशन डे पर साड़ी पहनीं थी।
सामान्य कपड़े पहने थे बाकी सारे बच्चों ने
पुणे के इस कॉलेज में बीते गुरुवार को यह आयोजन आयोजित किया गया था जिसमें सैकड़ों बच्चों ने सामान्य कपड़े धारण किए थे। लेकिन इन तीन लड़कों ने साड़ी पहनी थी। बता दें कि इन तीनों लड़कों का नमा आकाश पवार, सुमित होनवाडकर और रुशिकेष सनप है।
आकाश ने एक वेब पोर्टल से बात करते हुए कहा कि, ऐसा कहीं नहीं लिखा है कि लड़कों को लड़कों वाले ही कपड़े पहनने चाहिए और लड़कियों को साड़ी, सलवार कमीज और स्कर्ट ही पहनी चाहिए। यही वजह है कि हमने साड़ी पहनने का फैसला किया।
सहेली श्रद्धा ने साड़ी बांधने में मदद की
आकाश ने आगे बात करते हुए कहा कि कॉलेज के बाकी साथियों की राय की परवाह उन्होंने नहीं की। इन लड़कों को साड़ी बांधने में थोड़ी बहुत मेहनत करनी पड़ी और इसमें इनका साथ इनकी दोस्त श्रद्धा ने दिया। तीन लड़कों ने बताया कि साड़ी पहनकर कार्यक्रम में जाने के बाद यह एहसास हुआ कि साड़ी को पहनने और संभालने में बहुत मेहनत लगती है।
सराहना की कॉलेज के प्रोफेसर्स और छात्रों ने
कॉलेज के दूसरे छात्रों ने बल्कि कॉलेज के प्रोफेसर्स ने भी इन तीनों के इस साहसिक कदम की सराहना की। खबरों के अनुसार, इसी कॉलेज के एक और लड़के ने दो साल पहले साड़ी पहनी थी। लेकन उस दौरान सचिन चौहान की ट्रांसजेंडर दिशा पिंकी ने बहुत आलोचना की थी।