पूरी दुनिया में कोरोना वायरस के प्रकोप की वजह से सोशल डिस्टैन्सिंग का पालन लोग कर रहे हैं। कोरोना का संक्रमण फैलने से रोकने का एकमात्र विकल्प सोशल डिस्टैन्सिंग ही है। सोशल डिस्टैन्सिंग के कई बेहतरीन उदाहरण सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर सामने आ रहे हैं। लेकिन कई ऐसे मूर्ख लोग देश में हैं जो सोशल डिस्टैन्सिंग की धज्जियां उड़ा रहे हैं।
इसी बीच सोशल डिस्टैन्सिंग का सही तरीके से मतलब देश के राष्ट्रिय पक्षी मोर ने समझाया है। सोशल मीडिया पर मोर की ऐसी ही तस्वीर वायरल हो रही है जिसमें वह सोशल डिस्टैन्सिंग का मतलब लोगों को समझाते हुए दिखाई दे रहे हैं।
सोशल डिस्टैन्सिंग मोर की
भारतीय वन सेवा के अधिकारी प्रवीन कासवां ने अपने ट्विटर अकाउंट पर मोर के समूह की तस्वीर शेयर की है जो कि बहुत अविश्वसनीय है। राजस्थान के नागौर जिले के असावरी गांव के सरकारी विद्यालय भवन बरामदे की यह तस्वीर है जिसमें पंक्तिबद्ध करीब तीन तीन मीटर की दूरी पर छह मोर बैठे नजर आ रहे हैं। मोर की यह तस्वीर देख कर लग रहा है कि धैर्य,संयम और सामाजिक दूरी का पालन वह हमें बता रहे हैं।
सोशल मीडिया पर तस्वीर हुई वायरल
शुक्रवार को यह तस्वीर प्रवीन कासवां ने पोस्ट करते हुए कैप्शन में लिखा, लॉकडाउन के बीच हमारे राष्ट्रिय पक्षियों से सोशल डिस्टैन्सिंग सीखें। मोर संस्करण! नागौर के सरकारी स्कूल से खींची गयी तस्वीर। सोशल मीडिया पर यह तस्वीर वायरल हो गयी है। हालांकि देश के सभी स्कूल कोरोना की वजह से बंद किये हुए हैं। इसी वजह से स्कूल में आकर मोर दिन के समय आराम कर रहे थे। फकरुद्दीन खोखर नाम के एक शख्श ने इस तस्वीर को खींचा है।
Learn social distancing amid lockdown from our national birds. Peacock edition. A click from Govt. School, Roon (Nagaur). Via @SocialChartered pic.twitter.com/YTrJQriOmg
— Parveen Kaswan, IFS (@ParveenKaswan) April 10, 2020
पेड़ पर बना लिया सोशल डिस्टैन्सिंग के लिए घर
सोशल डिस्टैन्सिंग को लेकर उत्तर प्रदेश से भी एक खबर सामने आयी थी वहां के रहने वाले एक शख्श ने पेड़ पर घर सोशल डिस्टैन्सिंग का पालन करने के लिए बना लिया। यह खबर हापुड़ जिले के असौड़ा गांव के रहने वाले मुकुल त्यागी ने यह अनोखा कदम सोशल डिस्टैन्सिंग बनाने के लिए उठाया है।
उन्होंने अपने इस कदम के बारे में बात करते हुए बताया कि यहां पर रहकर वह सामाजिक दूरी का पालन करेंगे बल्कि उन्हें यहां पर बहुत अच्छा भी लग रहा है। मुकुल त्यागी का कहना है कि वह यहां पर आराम के साथ-साथ रोजाना गीता का अध्ययन करते हैं। बता दें कि मुकुल त्यागी पेशे से वकील हैं।