इस साल शारदीय नवरात्रि 17 अक्टूबर शनिवार यानी कल से शुरु हो रहे हैं। मां के स्वागत के लिए अब कुछ ही घंटों का समय बचा है। देवी मां के नौं स्वरूपों की पूजा नवरात्रि के नौ दिन होती है। मां अंबे या मां दुर्गा इन्हें किसी भी नाम से जाना जाता है। मां के हर रूप की पूजा का अपना एक तरीका होता है। आप मां का विशेष आशीर्वाद लेने के लिए उनकी विधिवत से पूजा करें। चलिए आपको बताते हैं कि कौन सा वरदान मां के किस रूप की पूजा करने से मिलता है।
कौन-सा वरदान मिलता है मां के किस स्वरूप से चलिए जानते हैं-
1. शैल पुत्री
देवी मां का पहला स्वरूप शैल पुत्री है और नवरात्रि के पहले दिन इनकी ही पूजा होती है। पर्वतराज हिमालय के यहां इनका जन्म हुआ था। इसी वजह से शैल पुत्री इनका नाम रखा गया। नवरात्रि के पहले दिन विधि पूर्वक इनकी पूजा करने से भक्तों को धन-धान्य का वरदान प्राप्त होता है।
2. ब्रह्मचारिणी
देवी मां का दूसरा स्वरूप ब्रह्मचारिणी हैं। भक्तों को अनंत कोटि ब्रह्मचारिणी मां की सच्चे मन से उपासना करने से प्राप्त होता है। व्यक्ति के तप,त्याग,वैराग्य,सदाचार और संयम की भावना देवी मां के इस स्वरूप के लिए व्रत रखने से मिलता है।
3. चंद्रघंटा
देवी के तीसरा स्वरूप चंद्रघंटा हैं। व्यक्ति के सारे पापों से मुक्ति मां के इस स्वरूप की सच्चे मन से पूजा करने से मिलती है। इसके अलावा वीरता के गुणों में वृद्धि होती है और दिव्य अलौकिक माधुर्य स्वर में मिलता है।
4. कुष्मांडा
देवी मां का चौथा स्वरूप कुष्मांडा है। व्यक्ति की आयु और यश में इनकी पूजा करने से वृद्धि होती है।
5. स्कंदमाता
देवी मां का पांचवां स्वरूप स्कंदमाता है। व्यक्ति के लिए मोक्ष के द्वार देवी मां के इस स्वरूप की पूजा करने से खुल जाते हैं। इतना ही नहीं अपने भक्तों की सारी मनोकामनाएं देवी मां पूर्ण करती हैं।
6. कात्यायनी
देवी का छठा स्वरूप कात्यायनी है। व्यक्ति में अद्भुत शक्ति का संचार देवी मां के इस स्वरूप की पूजा करने से होता है। मान्यताओं के अनुसार,गोधूली बेला में इनका ध्याना करना चाहिए।
7. कालरात्रि
देवी का सातवां स्वरूप कालरात्रि है। व्यक्ति के सभी पापों का नाश इनपकी पूजा विधि पूर्वक करने से होता है। इसके अलावा तेज की भी वृद्धि होती है।
8. महागौरी
देवी मां का आठवां स्वरूप महागौरी हैं। व्यक्ति के समस्त पापों का क्षय होकर मां की सच्चे मन और विधि पूर्वक अष्टमी के दिन पूजा करने से चेहरे की कांति बढ़ जाती है। इसके अलावा शत्रु-शमन और सुख में वृद्धि होती है।
9. सिद्धिदात्री
देवी मां का नौवां स्वरूप सिद्धिदात्री है। व्यक्ति को अणिमा,लघिमा,प्राप्ति,प्राकाम्य,महिमा,ईशित्व,सर्वकामावसांयिता,दूर श्रवण,परकाया प्रवेश,वाक् सिद्धि,अमरत्व,भावना सिद्धि आदि समस्त नव-निधियों की इनकी पूजा करने से मिलती है।