भारत के संविधान को दुनिया का सबसे बड़ा लिखित संविधान माना जाता है हमारे देश की सबसे बरी खासियत है की यहाँ सब मिलजुल कर रहते है| हमारा संविधान सभी को एक समान अधिकार देता है हर राज्य में रहने वाले लोग अलग-अलग जाति, समुदाय और धर्म से आते है लेकिन सभी अपने देश की संविधान का पालन करते है अपना देश नियम, कानून से चलता है| लेकिन अपने ही देश में कुछ ऐसे जगह है जो काफी ज्यादा विवादित है| जैसे नक्सल प्रभावित इलाके आदि|
लेकिन हिमाचल के कुल्लू जिले में करीब 12 हजार फुट की ऊंचाई पर बसा एक गाँव है जिसका नाम मलाणा गांव है ये गाँव काफी ही अनोखा गाँव है| खूबसूरत पहाड़ी घाटियों से घिरा यह गांव देश और दुनियाभर के लोगों के लिए आकर्षण और पर्टयन का केंद्र रहता है| ये गाँव ज्यादातर चर्चे में बना रहता है गाँव के लोग अपने आप को सिकंदर का वंशज कहते हैं| कहा जाता है कि, सिकंदर के जमाने की एक तलवार अभी भी गांव के एक मंदिर में रखी हुई है| इस गाँव की आबादी करीब 1700 लोगों की है|
आप जानकर हैरान हो जाएंगे की इस गाँव का अपना संविधान अपना नियम और अपना ही कानून है| गाँव में संसद है जसमें दो सदन है ऊपरी सदन में 11 सदस्य हैं गाँव का कोई भी बड़ा फैसला इसी संसद में होता है| इसके आलावा गांव के तीन और बड़े लोग भी है जोकि गुरु, पुजारी और जमलू देवता का प्रतिनिधि करते है|
ये स्थाई होते हैं और बाकी के आठ सदस्यों चुनाव का गांव वाले करते हैं| गाँव के हर घर से एक आदमी सदन में होता है| किसी भी मुद्दे पर जमलू देवता की बात आखिरी होती है| गुरुकी आत्मा पर जमलू देवता का राज होता है| जमलू देवता उसी के जरिए अपनी बात कहते हैं|
इस गाँव की सबसे बड़ी खासियत है की यहाँ के लोग कभी किसी पर्टयन पर आये लोगों से नहीं मिलते है उनसे हाथ भी नहीं मिलते हैं| इस गाँव में चरस की खेती बड़े स्तर पर की जाती है| इस गाँव को हिमाचल और देश का सबसे अनोखा गाँव इसी कारण कहा जाता हैं|