भारत में पान ऐसी चीज है, जिससे शायद ही कोई अपरिचित होगा। खुशी भरे माहौल के साथ ही सामान्य दिनों में भी पान खाने की हमारे देश में स्वस्थ परंपरा है। यही नहीं पूजा पाठ जैसे कर्म-कण्डों में भी पान के पत्ते का उपयोग किया जाता है। लेकिन ये बात बहुत कम लोग जानते हैं कि पान मुंह का जायका और सांसों को ताजगी प्रदान करने के साथ-साथ आपकी सभी इच्छाओं को भी पूर्ण करा सकता है।
हिन्दू धर्म में पूजा- पाठ या धार्मिक कार्य करने से पहले पान के पत्ते के जरिए भगवान को नमन और उनका आशीर्वाद लिया जाता है। पुराणों के अनुसार देवताओं ने समुद्र मंथन के समय पान के पत्ते का प्रयोग किया गया था और भगवान विष्णु की आराधना की थी।
पान में विभिन्न देवी- देवताओं का भी वास माना गया है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि पान के पत्तों के कुछ उपाय करके जीवन की आर्थिक और अन्य परेशानियों को दूर किया जा सकता है। पान के पत्ते के कुछ ऐसे प्रयोग बताए गए हैं, जिनकी मदद से आप मन इच्छित फल की प्राप्ति कर सकते हैं।
अगर किसी व्यक्ति को नजर लग गई हो तो उस व्यक्ति को पान के पत्ते में गुलाब की सात पत्तियां रख कर खिला दें। उसकी नजर उतर जाएगी।
सावन के महीने में पान में गुलकंद, सुपारी का बुरादा, सौंफ और कत्था डालकर उसे शंकर भगवान को अर्पित करने से व्यक्ति की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं।
लगातार सात मंगलवार या शनिवार को हनुमानजी को एक डंठल वाला पान के पत्ते पर लड्डू चढ़ाने से कुंडली के दुष्ट ग्रहों के कारण आ रही हर समस्या दूर होती है।अगर व्यापार में परेशानी चल रही हो तो पान के पत्ते का दान करने से सारी समस्याएं हल होती हैं।
अगर आपको लगता है कि किसी ने तंत्र-मंत्र का प्रयोग कर आपके व्यापार को ठप्प कर दिया है तो आप शनिवार की सुबह पांच पीपल के पत्ते तथा 8 साबुत डंडी वाले पान के पत्ते लें। इन सभी पत्तों को एक ही धागे से पिरोकर दुकान अथवा कार्यस्थल पर पूर्व की ओर बांध दें। ऐसा लगातार पांच शनिवार करें। पुराने पत्तों को किसी कुएं अथवा नदी में बहा दें। इससे दुकान पर किया गया तंत्र-मंत्र निष्फल हो जाएगा और आपका काम फिर से दौड़ने लगेगा।