आस-पास की बुरी शक्तियों को हम वास्तु शास्त्र के माध्यम से दूर करते हैं। हमारे जीवन में ऊर्जा का संचार वास्तु में बताए गए उपयों से होता है। दिशाओं का अध्ययन करके वास्तु शास्त्र में घर, भवन, मंदिर आदि कैसा होना चाहिए इसके बारे में बताया गया है। इतना ही नहीं घर में चीजें कहां और किस दिशा में होनी चाहिए इसके बारे में भी वास्तु विज्ञान में बताया गया है।
अक्सर अपने घरों में लोग फूल और पौधे लगाते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि वास्तु के अनुसार सही जगह और दिशा में अगर यह पौधे ना लगाए जाएं तो इससे वास्तु दोष उत्पन्न हो जाता है। नकारात्मक ऊर्जा घर में उत्पन्न होती है। इसलिए फूल और पौधे हमेशा घर में वास्तु के अनुसार ही लगाने चाहिए।
घर में पेड़ और पौधे लगाएं वास्तु के अनुसार
उत्तर दिशा को वास्तु में बुध ग्रह की दिशा बताया गया है। वास्तु में कहा गया है कि खुली और हवादार यह दिशा होनी चाहिए। हरियाली का प्रबंध इस दिशा में होना चाहिए। कुबेर का भी स्थान उत्तर दिशा को माना गया है। तुलसी, केले का पेड़, गेंदा आदि यह सारे पेड़-पौधे आप घर में उत्तर दिशा की ओर लगा सते हैं। इस दिशा में पेड़-पौधे लगाने से चर्म रोग से घर के सदस्यों का बचाव होता है।
पूर्व दिशा को वास्तु शास्त्र में सूर्य ग्रह की दिशा बताई गई है। हरी घास आप इस दिशा में बिछा सकते हैं। इस दिशा में ऐसा करने से सूर्य देव की कृपा से आपके घर वालों को समाज में आत्म-सम्मान, यश और आरोग्य के जीवन की प्राप्ति होती है।
दक्षिण दिशा मंगल की वास्तु शास्त्र में बताई गई है। लाल पुष्प के पौधे इस दिशा में लगाने से शुभ होता है। किसी भी तरह की बाधाएं घर में आने से यह रोकता है। साथ ही खून से संबंधी सारी बीमारियां भी दूर होती हैं।
चंद्रमा की दिशा घर की पश्चिम दिशा को बताया गयाहै। चमेली, बेला, एलोवेरा, कड़ी पत्ता आदि यह पौधे इस दिशा में लगाने चाहिए। ऐसा करने से वातावरण घर का शुद्ध होता है। इसके अलावा किसी भी तरह का मानसिक विकार घरवालों को इससे नहीं होता है।