मार्गशीर्ष का महीना हिंदू धर्म में बहुत पावन माना गया है। इस महीने में कई सारे व्रत और त्योहार आते हैं। पौराणिक कथाओं के मुताबिक इस महीने में जो विवाह पंचंमी आती है उस दिन मंदिरों और घरों में धूम-धाम से मनाया जाता है। भगवान श्री राम और माता सीता का विवाह आज के दिन त्रेता युग में हुआ था। रामयाण के बाल कांड का पाठ भी इस दिन करने की मान्यता है।
आप अपनी शादी शुदा जिंदगी में खुशहाली लाना चाहते हैं तो इसके लिए आप कई कार्य विवाह पंचंमी के दिन कर सकते हैं। जिन दपंत्ति के कुंडली में ग्रहों की दिशा अच्छी नहीं होती उनके लिए यह कार्य बहुत लाभकारी हो सकते हैं। इन कार्यों को करने से आपकी जिंदगी में खुशियां आ जाएंगी। चलिए बताते हैं क्या करना और क्या नहीं करना चाहिए विवाह पंचंमी के दिन शादी शुदा जोड़ों को।
ये करें विवाह पंचंमी के दिन
-फलाहार वाला व्रत विवाह पंचंमी के दिन रखें।
-सीता राम विवाह प्रसंग की कथा जो श्री रामचरितमानस में बताई गई है उसे आज के दिन कहें और सुनें।
-आयोजन करें विवाह पंचमी पर सीता राम का विवाह।
-अखंड मानस का पाठ मंदिर में इस दिन कराएं।
-अगर आपकी शादी शुदा जिंदगी में परेशानी चल रही है तो भगवान राम और माता सीता का विवाह और भंडारा विवाह पंचंमी के दिन कराएं।
-विवाह पंचंमी के दिन दान करें धार्मिक पुस्तक।
-दीपक जलाएं विवाह पंचंमी के दिन अपने घरों में।
-घी का अखंड दीप इस दिन अपने घर के मंदिर में जरूर जलाएं।
ये काम भूलकर भी न करें विवाह पंचंमी के दिन
-विवाह पंचमी के दिन भूलकर भी ना करें पत्नी का अपमान।
-ना बोलें इस दिन असत्य।
-गंदगी न फैलाएं इस दिन अपने घर में।
-विवाह पंचंमी के दिन बिल्कुल भी अन्न का सेवन न करें।