रविवार के दिन जर्मनी के शहर फ्रैंकफर्ट माइन नदी में दूसरे विश्वयुद्घ का एक बम बरामत किया गया है। सूत्रो के अनुसार इस बम को World War II के दौरान अमेरिकी विमानों ने गिराया था। हैरान कर देने वाली बात ये है कि इतने सालो बाद भी बम जिंदा था। इसलिए बम निरोधक दस्ते ने नियंत्रित विस्फोट के जरिए बम में धमाका कर उसे निष्क्रिय कर दिया है। यह धमाका इतना ज्यादा जोरदार था कि नदी का पानी करीब 30 मीटर की ऊंचाई तक उछला गया। वैसे फैंकफर्ट को जर्मनी की वित्तीय राजधानी भी कहा जाता है।
इलाके को धमाके से पहले ही करवाया खाली
इस जोरदार धमाके से पहले करीब 600 स्थानीय लोगों को उनकेघर से निकालकर सुरक्षित जगह पर ले जाया गया। इस पूरे अभियान के दौरान करीब 350 फायर ब्रिगेड,पुलिस और रेड क्रॉस अधिकारियों की सहायता ली गई ।
इस बम के बारे में कैसे पता चला
रिपोर्ट के अनुसार 9 अप्रैल को फायर ब्रिगेड की टीम नदी में गोताखोरी की प्रैक्टिस कर रही थी। उसी समय इस बम के बारे में पता लगा। उन्होंने शुरूआत में तो बम को डिफ्यूज करने की भी कोशिश करी लेकिन आशंका जताई गई कि यह 250 किलोग्राम का बम डिफ्यूज के दौरान अपनी पूरी ताकत से फट सकता है।
पानी में और नीचे तक लेकर गए बम को
बता दें कि गोताखोरों की टीम बम को नदी में करीब साढ़े पांच से छह मीटर की गहराई तक ले गई। जिसके बाद नियंत्रित धमाका किया गया। नदी में रह रहे जीवों को नुकसान ना पहुंचे इसके लिए बड़े धमाके से पहले कुछ धीमे विस्फोट किए गए हैं जलीय जीव उस क्षेत्र से दूर भाग जाएं।
अब एक भी मिल जाते हैं जर्मनी में बम
भले ही द्वितीय विश्वयुद्घ को 70 साल हो गए हो लेकिन इसके बावजूद भी जर्मनी में उस दौर के जिंदा बम बरामत हो जाते हैं। World War II साल 1945 में खत्म हुआ था। इस दौरान भारी संख्या में सैनिक मारे गए थे। खबरों के अनुसार जब उस दौरान जर्मनी पर बम बरसाए गए तो कुछ बम फटे नहीं थे। ऐसे में अब उन्हीं बम का फटने का खतरा बना रहता है। इसलिए जब कभी भी कोई बम मिलता है तो उसके आस-पास के क्षेत्र को तभी खाली करा दिया जाता है।