IPL 2022 के लिए मेगा ऑक्शन आयोजित किया गया था। इस मेगा ऑक्शन से सभी टीमें पूरी तरह से बदल गई और टूर्नामेंट में एक नयापन सा दिखाई देने लगा। लेकिन जब तमाम क्रिकेट पंडितों ने सभी टीमों का आंकलन किया तो सभी इस बात पर एक मत थे कि गुजरात की टीम में गहराई नहीं है। यानी उनका मानना था कि GT लीग में बहुत अच्छा परफॉर्म नहीं कर पाएगी। लेकिन अब गुजरात चैंपियन बन चुकी है तो समझने की कोशिश करते हैं कि आखरी गुजरात के आंकलन में गड़बड़ी कहाँ हुई?
दरअसल क्रिकेट एक्सपर्ट्स भी अपनी जगह सही थे क्योंकि एक-दो खिलाड़ियों को छोड़कर गुजरात के पास कोई बड़ा नाम नहीं था। बल्लेबाज़ी में फुल टाइम बल्लेबाज़ सिर्फ शुभमन गिल और डेविड मिलर थे उनके अलावा बाकि सभी बल्लेबाज़ मल्टी टास्किंग वाले थे। ऋद्धिमान साहा, मैथ्यू वेड बल्लेबाज़ के साथ साथ विकेटकीपर थे। हार्दिक पांड्या आल राउंडर थे, राहुल तेवतिया आल राउंडर थे, साई किशोर आल राउंडर थे, राशिद खान आल राउंडर थे अब जब इतने सारे आल राउंडर एक साथ आ गए तो धमाल को होना ही था।
इसके अलावा गुजरात कि रणनीति भी बाकि टीमों से कुछ अलग थी गुजरात पावर प्ले में ज्यादा रन स्कोर करने कि कोशिश नहीं करती जैसा कि बाकि टीमें करती थी। और हमने हाल के दिनों में देखा भी है की पावर-प्ले में विकेट बचाकर मिडिल ओवर्स में अटैक करने वाली टीम बेहतर कर रही हैं। पिछले T20 वर्ल्ड कप में ऑस्ट्रेलिया और पाकिस्तान की टीम इसी फॉर्मूले पर चली थी। गुजरात ने इस IPL में ऐसा ही किया है। शुभमन गिल और ऋद्धिमान साहा की ओपनिंग जोड़ी पर टीम का प्रदर्शन निर्भर नहीं होता था बल्कि मिडिल ओवर्स में कप्तान हार्दिक पांड्या और डेविड मिलर ने मैच विनिंग पारियां खेलीं। और किसी मैच में बची हुई कसर राहुल तेवतिया और राशिद खान पूरी कर देते।