नई दिल्ली : लियोनेल मेस्सी मेरे आदर्श हैं और उनके खेल से मैने बहुत कुछ सीखा है और मैं चाहता हूं कि रूस में खेले जाने वाले विश्व कप मे वह अपना श्रेष्ठ दें। भारतीय टीम के कप्तान और अंतरराष्ट्रीय फुटबॉल में 64 गोल दाग कर मेस्सी की बराबरी करने वाले सुनील छेत्री ने यहां विश्व कप के अधिकृत सहयोगी किया मोटर्स के कार्यक्रम में कहा कि उनकी मेस्सी से तुलना ठीक नहीं है। पंजाब केसरी के एक सवाल के जवाब में भारतीय कप्तान ने एक दिन पहले जीते इंटर कॉंटिनेंटल कप को शानदार उपलब्धि बताया और उम्मीद जाहिर की कि यह जीत भारतीय फुटबॉल की रैंकिंग और खेल को सुधारने में मदद करेगी।
हमें अभी विदेशों में और कड़े मुकाबलों में खेलना होगा और भारतीय फुटबॉल के लिये विकासात्मक ढ़ांचा खड़ा करना होगा। इससे हमें अन्य टीमों की बराबरी पर आने में मदद मिलेगी। अन्य प्रतिभाशाली खिलाड़ियों की तलाश लगातार जारी रखनी होगी। दिल्ली पहुंचने पर सुनील ने एक रहस्योदघाटन करते हुए कहा कि फुटबॉल के गुर उन्होंने अपने माता-पिता से सीखे। मां ने नेपाल के लिए फुटबॉल खेली जबकि पिता भारतीय सेना के लिए खेलते थे। उनके आशीर्वाद और मार्ग दर्शन के दम पर आज भारतीय फुटबॉल के शिखर पर पहुंचने में कामयाब हुए। उन्होंने माना कि भारतीय फुटबॉल के लिए विश्व कप अभी काफ़ी दूर है।
पहले एशिया के दस देशों में स्थान बनाने की चुनौती है। तब कहीं जाकर आगे बढ़ सकते हैं। सुनील ने अपना फुटबॉल करियर आर्मी पब्लिक स्कूल से शुरू किया और तत्पश्चात ममता मॉडर्न स्कूल से सही राह पकड़ी। वह दिल्ली के बड़े क्लबों और दिल्ली राज्य के लिए भी खेले और अब बेंगलुरु के लिए खेल रहे हैं। दिल्ली की फुटबॉल की बदहाली के बारे में उन्होने कहा कि दिल्ली के साथ उनके पुरानी यादें जुड़ी हैं और सहानुभूतिरखते है। लेकिन बंगलूरु उनकी जान है।
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(राजेंद्र सजवान)