भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) ने कोविड-19 महामारी के कारण पैदा हुए संकट से पार पाने के लिये रविवार को खेल मंत्रालय से आईओए, राष्ट्रीय खेल महासंघों (एनएसएफ) और राज्य ओलंपिक संघों को एकमुश्त वित्तीय सहायता देने का आग्रह किया। आईओए ने कहा कि प्रायोजक अगले साल तक खेल संघों की मदद के लिये आगे नहीं आ पाएंगे और ऐसे में सरकारी सहायता बेहद जरूरी हो गई है। आईओए अध्यक्ष नरिंदर बत्रा ने खेल मंत्री किरण रिजिजू को पत्र लिखकर कोविड-19 के कारण खेल गतिविधियां ठप्प होने का हवाला देते हुए कहा है कि अगर सहायता नहीं मिलती है तो फिर वायरस की रोकथाम के लिये लगाये गये लॉकडाउन के हटने के बाद खेलों को सुचारू रूप से शुरू करना मुश्किल होगा।
बत्रा ने मंत्रालय से आईओए को 10 करोड़ रुपये, प्रत्येक ओलंपिक एनएसएफ को पांच करोड़ रुपये, प्रत्येक गैर ओलंपिक एनएसएफ को 2.50 करोड़ रुपये और प्रत्येक राज्य ओलंपिक संघ (एसओए) को एक करोड़ रुपये देने का आग्रह किया है। इन सभी को मिलाकर यह धनराशि लगभग 220 करोड़ रुपये हो जाती है। बत्रा ने लिखा है, ‘‘इस महामारी और लॉकडाउन के कारण खेल संस्थाओं को किसी तरह का प्रायोजन मिलने की संभावना नहीं है और ऐसे में हमारे लिये अपनी गतिविधियां प्रभावशाली तरीके से शुरू करना बेहद मुश्किल होगा।’’ उन्होंने कहा, ‘‘हमें 2021 ओलंपिक तक या उसके बाद किसी तरह के प्रायोजन की उम्मीद नहीं है और ऐसे में हमें केंद्र सरकार से सहायता की जरूरत होगी।’’ बत्रा ने कहा कि यह मदद उन्हें वर्तमान समय के वित्तीय संकट से बाहर निकलने में सक्षम बनाएगी।
उन्होंने कहा, ‘‘कोविड-19 महामारी के कारण विश्व इस समय सबसे मुश्किल समय का सामना कर रहा है। इससे (महामारी) व्यवसाय, रोजगार के साथ साथ संबंधित देशों में खेल गतिविधियां भी प्रभावित हुई हैं।’’ बत्रा ने खेल मंत्री रिजिजू से कहा, ‘‘सभी प्रतियोगिताएं और संबंधित गतिविधियां ठप्प पड़ी हैं और इन्हें फिर से शुरू करने के लिये आईओए, एनएसएफ और एसओए को वित्तीय सहायता की जरूरत पड़ेगी। ’’ अंतरराष्ट्रीय हाकी महासंघ (एफआईएच) के भी प्रमुख बत्रा ने कहा कि धनराशि आवंटित होने पर आईओए उसका ऑडिट करने के लिये तैयार है।
उन्होंने कहा, ‘‘महामारी के बाद जब पाबंदियां खत्म हो जाएंगी तब हमें फिर से शुरुआत करनी होगी और पुनर्निर्माण करना होगा। दैनिक कार्यों के संचालन के लिये कई तरह की शर्तें होंगी और उन्हें लागू करने के लिये धन की आवश्यकता पड़ेगी। ’’बत्रा ने कहा, ‘‘हमें धनराशि के उपयोग के संबंध में कैग से अनुमोदित लेखा परीक्षक से विधिवत प्रमाणित और सत्यापित प्रमाणपत्र प्रदान करने में कोई आपत्ति नहीं होगी।’’ दिलचस्प बात यह है कि आईओए और उसके सदस्य एनएसएफ ने महामारी से लड़ने के लिये प्रधानमंत्री केयर्स फंड और विभिन्न मुख्यमंत्रियों के राहत कोष में 9.5 करोड़ रुपये जमा किये थे। खेल मंत्रालय के अधिकारी ने इस मांग पर टिप्पणी करने से इन्कार कर दिया। उन्होंने कहा कि उन्हें आईओए की तरफ से अब तक कुछ भी लिखित में कुछ नहीं मिला है।