भारतीय क्रिकेट टीम में कई दिग्गज तेज bowlers रहे हैं। लेकिन उनमें से बहुत कम ही ऐसे गेंदबाज हुए हैं जिनका कैरियर लंबा चला है। आज हम आपको ऐसे ही भारतीय क्रिकेट टीम के पांच गेंदबाजों के बारे में बताने जा रहे हैं जिनका कैरियर उनकी चोट की वजह से खत्म हो गया।
चोट ने खत्म कर दिया इन पांच भारतीय bowlers का शानदार कैरियर
भारतीय क्रिकेट टीम के ऐसे पांच तेज bowlers जिनके कैरियर की शुरूआत बहुत ही जबरदस्त हुई थी लेकिन उनका कैरियर लंबा नहीं चल पाया था। आज हम आपको भारतीय क्रिकेट टीम के ऐसे गेंदबाजों के बारे में बताने जांएगें जिनका कैरियर चोटिल होने की वजह से खत्म हो गया।
मुनाफ पटेल
भारतीय क्रिकेट टीम के तेज bowler मुनाफ पटेल गुजरात के एक छोटे से गांव के रहने वाले हैं। मुनाफ पटेल साल 2011 विश्वकप का भी हिस्सा रहे हैं और इस विश्वकप में उन्होंने भारत की तरफ से सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले तीसरे गेंदबाज बने थे। मुनाफ पटेल को 2011 के बाद भारतीय टीम में नहीं मिली जगह। मुनाफ ने अपने कैरियर में 30 टेस्ट, 70 वनडे मैच खेले हैं।
बाला जी
भारतीय टीम के तेज bowler बाला जी अपनी गेंदबाजी की गति से दोनों तरफ स्विंग करने की कला से कई दिग्गज बल्लेबाजों को तंग किया हुआ है। लेकिन बालाजी अपने इंटरनेशनल क्रिकेट कैरियर में ज्यादा दिनों तक खेल नहीं पाए थे। इसके पीछे उनका खेटिल होना रहा है।
प्रवीण कुमार
भारतीय क्रिकेट टीम के तेज bowler प्रवीण कुमार ने अपनी स्विंग गेंदबाजी से टीम में जगह बनाई थी। लेकिन प्रवीण कुमार ने भारतीय टीम के लिए 6 टेस्ट, 68 वनडे और 10 टी20 मैच ही खेले हैं। चोट की वजह से वह साल 2012 में टीम से बाहर हो गए थे जिसकी वजह से वह दोबारा टीम में नहीं आ पाए थे।
आरपी सिंह
भारतीय क्रिकेट टीम के तेज bowler आरपी सिंह ने अपनी घातक गेंदबाजी से कई दिग्गज बल्लेबाजों को दुखी किया है। आरपी ने अपने क्रिकेट कैरियर में 14 टेस्ट और 58 वनडे मैच खेले हैं। आरपी सिंह का क्रिकेट कैरियर उनकी चोटों की वजह से खत्म हो गया। साल 2011 के बाद आरपी सिंह को भारतीय टीम में वापसी नहीं हुई।
आशीष नेहरा
चोट का अगर किसी तेज bowler पर सबसे ज्यादा साया रहा है तो वह आशीष नेहरा हैं। तेज गेंदबाज नेहरा की गेंदबाजी सबसे खतरनाक रही है। लेकिन चोटों ने नेहरा के करियर में ब्रेक लगाने का काम किया। मगर अच्छी बात ये है कि इसके बावजूद उन्होंने अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में वापसी की।
हालांकि अपने करियर के अंत में वह टेस्ट और वनडे नही खेल पाए, लेकिन टी-20 क्रिकेट जरुर खेले। उनका करियर भले ही मुसीबतों भरा रहा हो लेकिन अंत अच्छा हुआ। नेहरा ने 2017 में न्यूज़ीलैंड के खिलाफ अपना अंतिम टी-20 मैच खेला था।