क्राइस्टचर्च : निचले क्रम के बल्लेबाज ईश सोढी के नाबाद 56 रन की बहुमूल्य पारी की बदौलत न्यूजीलैंड ने दूसरे क्रिकेट टेस्ट के पांचवें और अंतिम दिन मंगलवार को मैच ड्रा कराने के साथ 19 साल बाद इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट सीरीज जीत ली जबकि घरेलू मैदान पर यह उसकी 34 साल बाद मिली जीत है। न्यूजीलैंड की वर्ष 1999 के बाद इंग्लैंड के खिलाफ यह पहली टेस्ट सीरीज जीत है जबकि घरेलू मैदान पर वर्ष 1983-84 के बाद यह उसकी पहली टेस्ट सीरीज जीत है। घरेलू टीम ने मेहमान टीम के खिलाफ पहले टेस्ट में पारी और 49 रन से जीत दर्ज की थी और दो टेस्टों की सीरीज को 1-0 से अपने नाम किया।
दूसरे मैच में 382 रन के लक्ष्य का पीछा करते हुये मैच के अंतिम दिन की समाप्ति तक न्यूजीलैंड ने 124.4 ओवर में आठ विकेट के नुकसान पर 256 रन बनाये। वह जीत से 126 रन की दूरी पर था कि समय समाप्ति के साथ मैच ड्रा समाप्त हो गया। मैच में हार टालने के साथ सीरीज में जीत सुनिश्चित करने का श्रेय आठवें नंबर के बल्लेबाज सोढी को जाता है जिन्होंने एक छोर संभालते हुये 168 गेंदों की पारी में नौ चौके लगाकर नाबाद 56 रन की पारी खेली। सोढी ने सातवें नंबर के कॉलिन डी ग्रैंडहोमे के साथ सातवें विकेट के लिये 57 रन जोड़ जबकि नील वेगनर(सात) के साथ आठवें विकेट के लिये 37 रन जोड़ और मैदान पर अंत तक टिके रहे। र्ग्रैंडहोमे ने 97 गेंदों में छह चौके लगाकर 45 रन का योगदान दिया।दूसरे टेस्ट के अंतिम दिन न्यूजीलैंड ने सुबह अपनी दूसरी पारी की शुरूआत 42 रन से की थी। बल्लेबात्र टॉम लाथम 25 और जीत रावल 17 रन बनाकर नाबाद थे और घरेलू टीम के सभी विकेट सुरक्षित थे। हालांकि इंग्लैंड की शुरूआत अच्छी रही और उसने कल के स्कोर पर ही उसके दो विकेट उखाड़ दिये।
रावल 60 गेंदों में दो चौके लगाकर 17 रन पर ही स्टुअर्ट ब्रॉड का शिकार बन गये तो कप्तान केन विलियम्सन एक गेंद ही खेल सके और बिना कोई रन बनाये ब्रॉड की अगली ही गेंद पर जॉनी बेयरस्टो को कैच दे बैठे। ओपनर लॉथम हालांकि एक छोर संभालकर खेलते रहे लेकिन मध्यक्रम के बल्लेबात्र रॉस टेलर 13 रन ही बना सके कि जैक लीच ने उन्हें एलेस्टेयर कुक के हाथों कैच करा तीसरा विकेट भी निकाल दिया।
न्यूजीलैंड ने मध्यक्रम के बाकी बल्लेबात्रों को भी सस्ते में गंवाया और 135 रन तक उसके पांच विकेट निकल गये। हैनरी निकोल्स भी 13 रन पर आउट हुये जबकि विकेटकीपर बीजे वाटलिंग ने 66 गेंदों में तीन चौके लगाकर 19 रन बनाये। हेग्ले ओवल में हालांकि कम होती रौशनी के बीच मेहमान टीम न्यूजीलैंड के निचले क्रम के बल्लेबाजों से पार नहीं पा सकी।
ओपनर लाथम का धैर्य भी अंतत: टूट गया और 282 मिनट क्रीज पर बिताने के बाद वह छठे बल्लेबाज के रूप में लीच का ही शिकार बने और जेम्स विंस को कैच दे बैठे। उन्होंने 207 गेंदों में 10 चौके लगाकर 83 रन बनाये जो उनका 14वां टेस्ट अर्धशतक है। एक दिन पहले ही अपना जन्मदिन मना चुके लाथम ने काफी धैर्यभरी पारी खेली और टीम के छह बल्लेबाजों के साथ छोटी छोटी साझेदारियां कीं।
लॉथम ने पहले विकेट के लिये रावल के साथ 42 रन की साझेदारी की जबकि पांचवें विकेट के लिये वाटलिंग के साथ 44 रन जोड़े। न्यूजीलैंड ने 162 पर छह विकेट के झटके से उबरते हुये फिर ऑलराउंडर ग्रैंडहोमे की 45 रन की पारी से स्कोर को 200 के पार पहुंचाया। वह सातवें बल्लेबाज के रूप में मार्क वुड की फाइन लेग पर लीच को कैच दे बैठे।
वेगनर और सोढी ने फिर 31 ओवरों तक संघर्ष किया लेकिन वेगनर 103 गेंदों का सामना करने के बाद आखिर जो रूट की गेंद पर टीम के आठवें और मैच के आखिरी बल्लेबात्र के रूप में आउट हुये। उन्होंने सात रन बनाये लेकिन मैच बचाने में अहम भूमिका निभाई। इंग्लैंड के लिये ब्रॉड ने 72 रन, वुड ने 45 रन और टेस्ट पदार्पण कर रहे लीच ने 61 रन देकर दो दो विकेट लिये जबकि जेम्स एंडरसन और रूट को एक एक विकेट हाथ लगा। कप्तान रूट के लिये यह मैच भले ही ड्रा समाप्त हुआ लेकिन अक्टूबर से शुरू हुआ उनका विदेशी दौरा आस्ट्रेलिया में 0-4 की एशेत्र हार के बाद न्यूजीलैंड में भी 0-1 की टेस्ट सीरीज हार पर समाप्त हुआ। इंग्लैंड ने विदेशी जमीन पर अपने पिछले 13 टेस्टों में एक भी जीत दर्ज नहीं की है।
दूसरी ओर न्यूजीलैंड ने 34 साल बाद अपने घरेलू मैदान पर और इंग्लैंड के खिलाफ 19 साल के बाद टेस्ट सीरीज जीत का सूखा समाप्त कर दिया। सीरीज में ट्रेंट बोल्ट को मैन ऑफ द सीरीज और टिम साउदी को दूसरे मैच में कुल सात विकेट लेने के लिये मैन ऑफ द मैच चुना गया।
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