भारत का दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ निराशाजनक प्रदर्शन तीसरे और अंतिम क्रिकेट टेस्ट के पहले दिन भी जारी रहा और बुधवार को उसकी पूरी टीम अपनी पहली पारी में 77 ओवर में 187 रन पर ढेर हो गई। इसके जवाब में मेजबान दक्षिण अफ्रीका ने भी दिन का खेल समाप्त होने तक छह रन पर एक विकेट गंवा दिया। स्टंप्स के समय ओपन डी एल्गर 18 गेंदों पर चार रन और नाइट वाचमैन कैगिसो रबादा 10 गेंदों पर बिना खाता खोले क्रीज पर मौजूद हैं। दक्षिण अफ्रीका अभी भारत के स्कोर से 181 रन पीछे है जबकि उसके नौ विकेट शेष है। तेज गेंदबाज भुवनेश्वर कुमार ने एडन मार्करम (2) को विकेटकीपर पार्थिव पटेल के हाथों कैच कराकर भारत को पहली सफलता दिलाई। भारत ने चायकाल तक 114 रन पर चार विकेट गंवाए थे और तीसरे सत्र में उसने 73 रन और जोड़ कर अपने आखिरी के छह विकेट गंवा दिये। भारत ने चायकाल के बाद 144 के स्कोर पर श्रीमान भरोसेमंद बल्लेबाज चेतेश्वर पुजारा (50) का विकेट गंवा दिया। भारत ने 144 के स्कोर पर ही विकेटकीपर पार्थिव पटेल ने (2) और हार्दिक पांड्या (0) के विकेट भी गंवाए।
पुजारा ने अपना खाता खोलने के लिए 54 गेंदों का सहारा लिया। इसके साथ पुजारा दूसरे ऐसे भारतीय बन गए जिन्होंने टेस्ट में सबसे अधिक गेंदें खेलने के बाद अपना खाता खोला। पुजारा से पहले राजेश चौहान ने 1994 में श्रीलंका के खिलाफ 57 गेंदें खेलने के बाद खाता खोला था।
पुजारा ने 173 गेंदों पर जाकर अपना अर्धशतक पूरा किया। पुजारा का सीरीज में यह पहला संघर्षपूर्ण अर्धशतक है। उन्होंने 179 गेंदों पर आठ चौकों की मदद से 50 रन बनाए। पुजारा ने इससे पहले दो मैचों में 26, 4, 0, 19 रन बनाए थे। पुजारा के अलावा विकेटकीपर पार्थिव पटेल ने 2, हार्दिक पांड्या ने 0, मोहम्मद शमी ने 8, इशांत शर्मा ने 0 और जसप्रीत बुमराह ने 0 रन बनाए। भारत का नौंवां विकेट 166 के ही स्कोर पर गिर चुका था। लेकिन भुवनेश्वर कुमार ने 30 रन की साहसिक पारी खेलकर भारत को 187 के स्कोर तक पहुंचा दिया। भुवनेश्वर ने 49 गेंदों पर 30 रन में चार चौके लगाए। कैगिसो रबादा ने भुवनेश्वर को आंदिले फेलुकवायो के हाथों कैच कराकर भारत की पहली पारी 187 रन पर समेट दी।
दक्षिण अफ्रीका के लिए कैगिसो रबादा ने 19 ओवर में 39 रन पर तीन विकेट, मोर्न मोर्कल ने 17 ओवर में 47 रन पर दो विकेट, वर्नोन फिलेंडर ने 19 ओवर में 31 रन पर दो विकेट, आंदिले फेलुकवायो ने सात ओवर में 25 रन पर दो विकेट और लुंगी एनगिदी ने 15 ओवर में 27 रन पर एक विकेट हासिल किये। भारत ने सुबह के सत्र में 45 रन पर दो विकेट गंवाये थे और दूसरे सत्र में उसने 69 रन जोड़कर दो बल्लेबात्र और गंवा दिये थे। भारत ने दूसरे सत्र में कप्तान विराट कोहली और इस सीरीत्र में पहली बार खेलने उतरे उपकप्तान अजिंक्या रहाणे के विकेट खो दिये। विराट 146 मिनट क्रीज पर रहकर 106 गेंदों का सामना करते हुये नौ चौकों की मदद से 54 रन बनाकर आउट हुये जबकि रहाणे पगबाधा हुये। विराट का विकेट सेंचुरियन टेस्ट के हीरो लुंगी एनगिदी ने लिया। रहाणे को मोर्न मोर्कल ने पवेलियन भेजा। विश्व की नंबर एक टीम भारत ने दूसरे सत्र की शुरूआत दो विकेट पर 45 रन से आगे की। लय में खेल रहे कप्तान विराट को एनगिदी ने तीसरी स्लिप में ए बी डीविलियर्स के हाथों आउट करा दिया। गेंद बहुत तेजी से डीविलियर्स के हाथों में गयी और उन्होंने शानदार कैच लपक लिया। अर्धशतक बना चुके विराट इस तरह आउट होने से निराश होकर पवेलियन चल दिये।
रहाणे ने 27 गेंदों का सामना किया और मोर्कल की गेंद पर पगबाधा हो गये। रहाणे ने डीआरएस मांगा लेकिन इसका फायदा नहीं हुआ। वह नौ रन ही बना सके। पहले सत्र में 66 गेंदों में पांच रन बनाने वाले पुजारा ने दूसरे सत्र में 79 गेंदों का सामना कर अपने खाते में 22 रन जोड़।भारत ने सुबह खराब शुरूआत करते हुये लंच तक अपने दोनों ओपनरों के विकेट गंवाकर 45 रन बनाये थे। हालांकि इस सत्र में कैगिसो रबादा की गेंद पर वेर्नोन फिलेंडर ने विराट का कैच टपका दिया था। भारत का उस समय स्कोर दो विकेट पर 27 रन था और विराट 11 रन पर थे। फिलेंडर ने जैसे ही यह आसान कैच टपकाया उन्होंने दोनों हाथों से अपना चेहरा ढक लिया। विराट ने इस जीवनदान का फायदा उठाते हुये लंच तक 58 गेंदों में तीन चौकों की मदद से 24 रन बना लिये थे और लंच के बाद अपना 16 वां अर्धशतक पूरा किया। पुजारा ने सुबह इतने धैर्य के साथ बल्लेबाजी की कि उन्हें अपना खाता खोलने में 54 गेंदों का समय लगा।
पुजारा ने 22वें ओवर की तीसरी गेंद पर एक रन लेकर अपना खाता खोला। पुजारा के यह रन लेते ही ड्रैसिंग रूम में मौजूद भारतीय खिलाड़यिं और खुद पुजारा के चेहरे पर मुस्कुराहट आ गयी। सुबह भारतीय कप्तान विराट ने सीरीत्र में पहली बार टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने का फैसला किया लेकिन उसके दोनों ओपनर 13 रन तक पवेलियन लौट गये। लोकेश राहुल बिना कोई रन बनाये फिलेंडर की गेंद पर विकेटकीपर कि्वंटन डी काक को कैच दे बैठे जबकि रबादा ने मुरली विजय को भी विकेटकीपर के हाथों कैच कराया। विजय 32 गेंदों में आठ रन बना सके। विजय का इस सीरीत्र में निराशाजनक प्रदर्शन तीसरे टेस्ट में भी बरकरार रहा। वह इससे पहले दो टेस्टों में एक, 13, 46 और नौ रन ही बना पाये हैं जबकि दूसरे टेस्ट में मौका पाने वाले राहुल की हालत भी अच्छी नहीं रही। उन्होंने सेंचुरियन में दूसरे टेस्ट में 10 और चार रन बनाये थे जबकि यहां पहली पारी में उनका खाता नहीं खुला।
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