सेंचुरियन : सीरीज में ऐतिहासिक जीत के बाद भारतीय टीम कल दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ छठे और आखिरी वनडे में अपनी बेंच स्ट्रेंथ को आजमाने उतरेगी जबकि मेजबान का प्रयास प्रतिष्ठा बचाने का होगा। भारतीय टीम छह मैचों की सीरीज पहले ही 4-1 से जीत चुकी है। उसे एकमात्र पराजय जोहानिसबर्ग में वर्षा बाधित चौथे वनडे में मिली थी। पिछले मैच में मिली जीत के साथ भारत ने आईसीसी वनडे रैंकिंग में नंबर वन का स्थान दक्षिण अफ्रीका से छीन लिया है। भारत उसी लय को कायम रखने के इरादे से उतरेगा क्योंकि इसके बाद टी 20 सीरीज भी तुरंत होनी है । इस साल लंबे विदेशी सत्र को ध्यान में रखते हुए कप्तान विराट कोहली बेंच स्ट्रेंथ को भी आजमाना चाहेंगे।
भुवनेश्वर कुमार ने श्रीलंका में सीमित ओवरों की सीरीज के बाद से लगातार खेला है जिसमें 19 वनडे, छह टी20 मैच और दो टेस्ट शामिल है । जसप्रीत बुमराह भी 20 वनडे और आठ टी 20 खेल चुके हैं । टेस्ट सीरीज खेलने से उनका कार्यभार और बढ गया। दोनों को आराम की जरूरत है। भारत के वैकल्पिक तेज गेंदबाजों को भी आजमाना जरूरी है। श्रीलंका दौरे के बाद से भारत ने 20 वनडे खेले हैं और भुवनेश्वर-बुमराह की जोड़ी सिर्फ एक में बाहर रही जो बेंगलूरू में आस्ट्रेलिया के खिलाफ खेला गया था। टीम इंडिया की इन दोनों पर निर्भरता बढती जा रही है लेकिन 2019 विश्व कप को ध्यान में रखते हुए टीम प्रबंधन दूसरों को भी आजमाना चाहेगा।
मोहम्मद शमी ने 2015 विश्व कप के बाद सिर्फ तीन वनडे खेले हैं। चोट से लौटने के बाद उन्होंने वेस्टइंडीज के खिलाफ पिछले साल दो और आस्ट्रेलिया के खिलाफ एक मैच खेला। मौजूदा टीम में चौथे तेज गेंदबाज शरदुल ठाकुर ने दो वनडे ही खेले हैं। भारत को भुवनेश्वर और बुमराह से आगे भी तेज आक्रमण के बारे में सोचना होगा। मध्यक्रम पर भी गौर करने की जरूरत है। इस सीरीज में चौथे से सातवें नंबर के बल्लेबाजों के बीच सिर्फ एक अर्धशतक बना है।
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