कजान : फ्रांस ने काइलिन एमबापे के तेज तर्रार खेल और दो शानदार गोल की बदौलत अर्जेंटीना की रक्षापंक्ति की कमियों को उजागर करते हुए यहां विश्व कप अंतिम 16 के रोचक मुकाबले में 4-3 से जीत दर्ज कर क्वार्टरफाइनल में प्रवेश किया। इस हार के साथ ही अर्जेंटीना और उसके समर्थक आंसुओं में डूब गये। मेस्सी और उसकी टीम अपनी भावनाओं पर काबू नहीं रख सकी और उनकी आंखों से आसूं छलक पड़े। मैदान पर एमबापे (टूर्नामेंट के तीन गोल) ने अपनी आक्रामकता से सभी को प्रभावित किया जो टीम को स्पाट किक दिलाने में भी अहम रहे जिनकी बदौलत टीम पहले हाफ में खतरनाक दिख रही थी, हालांकि गेंद पर कब्जे के मामले में अर्जेंटीना आगे रही। अपने स्टार स्ट्राइकर एंटोइन ग्रिजमैन की बदौलत फ्रांस ने 13वें मिनट में पेनल्टी गोल से 1-0 से बढ़त हासिल कर ली थी लेकिन अर्जेंटीना ने 41वें मिनट में एंजेल डि मारिया ने 35 गज की दूरी से खूबसूरत गोल कर टीम पर से दबाव कम कर स्कोर पहले हाफ में 1-1 बराबर कर दिया।
दूसरे हाफ की शुरूआत अर्जेंटीना के लिये खुशियां लेकर आयी जब कप्तान लियोनल मेस्सी के शाट को 48वें मिनट में गैब्रियल मर्काडो ने नेट में पहुंचाया। हालांकि उनकी यह खुशी कुछ देर ही टिक सकी और बेंजामिन पवार्ड के 57वें मिनट में किये गोल से दोनों टीमें 2-2 की बराबरी पर आ गयीं। एमबापे (19 वर्ष) फिर फ्रांस के लिये खेवनहार निकले जिन्होंने 64वें मिनट और फिर 68वें मिनट में दो गोल कर फ्रांस को 4-2 से आगे कर दिया। अर्जेंटीना के लिये पिछले मैच के नायक रहे मार्को रोजो को एमबापे को बाक्स के अंदर गिराने के लिये फ्रांस को पेनल्टी प्रदान की गयी। ग्रिजमैन ने 13वें मिनट में मिली इस पेनल्टी का फायदा उठाने में जरा चूक नहीं की और शानदार गोल कर अपनी टीम को 1-0 से आगे कर दिया जबकि अर्जेंटीना के गोलकीपर फ्रैंको अरमानी देखता ही रह गया। एमबापे ने अपनी फुर्ती से अर्जेंटीना के डिफेंस की नाक में दम किये हुए थे और अर्जेंटीना के निकोलस टैगलिफियाको ने 20वें मिनट में उन्हें गिरा दिया।
हालांकि उन्हें रैफरी ने पीला कार्ड तो दिया लेकिन फ्रांस को फ्री किक नहीं दी। इसके बाद दबाव में आयी अर्जेंटीना टीम के लिये तेज तर्रार एमबापे को रोकना मुश्किल साबित हो रहा था जो सभी खिलाड़ियों में काफी फुर्तीले और आक्रामक दिख रहे थे। फ्रांस के लिये इससे अच्छी शुरूआत नहीं हो सकती थी। लेकिन डि मारियो ने हाफ टाइम से चार मिनट पहले अपनी टीम को बराबरी पर लाकर फ्रांस की उम्मीदों पर पानी फेर दिया जिससे मैदान में बैठे अर्जेंटीनी प्रशसंकों ने राहत की सांस ली। वहीं स्टैंड में बैठे अर्जेंटीना के सुपरस्टार डिएगो माराडोना ने भी भगवान का शुक्रिया अदा किया। डि मारियो ने बायें पैर से 35 गज की दूरी से तेज शाट लगाया और गेंद दनदनाते हुए गोलकीपर हुगो लोरिस के हाथ के पास से होती हुई नेट में दायीं ओर जा लगी।
अर्जेंटीनी प्रशंसक चिल्ला चिल्लाकर गोल का जश्न मनाने लगे। पहले हाफ में अर्जेंटीना ने गेंद कब्जाने के मामले दबदबा तो बनाया लेकिन मेस्सी के बावजूद मौकों का फायदा नहीं उठा सके। डग आउट में मैनेजर जार्ज सैम्पाओली के चेहरे पर राहत बराबरी के बाद साफ देखी जा सकती थी। छोर बदलने के तीन मिनट बाद ही गैब्रियल मर्काडो (48वें) ने अर्जेंटीना के लिये दूसरा गोल किया। कप्तान लियोनल मेस्सी के शानदार शाट को उन्होंने सिर्फ पैर से छू कर गोल की ओर दिशा दी और फ्रांसिसी गोलकीपर लोरिस के लड़खड़ाते ही रह गये। पवार्ड का 57वें मिनट में किया गोल अद्भुत रहा, जिन्होंने अपने देश के लिये पहला गोल भी दागा।