सेंट पीटर्सबर्ग : फ्रांस और बेल्जियम की टीमों में स्टार स्ट्राइकरों की मौजूदगी के कारण दोनों टीमों के बीच होने वाले विश्व कप सेमीफाइनल में दर्शकों को काफी गोल देखने को मिल सकते हैं। ये यूरोपीय पड़ोसी और प्रतिद्वंद्वी पिछली बार जब विश्व कप में आपस में भिड़े थे तो फ्रांस ने 1986 में तीसरे स्थान के मुकाबले में 4-2 से बेल्जियम को हराया था। दोनों टीमों के बीच तीन साल पहले स्टेड डि फ्रांस में खेले गए प्रदर्शनी मैच में बेल्जियम ने 4-3 से जीत दर्ज की थी। विश्व कप 2002 की पूर्व संध्या पर फ्रांस को जब मैत्री मैच में बेल्जियम के खिलाफ 1-2 से हार झेलनी पड़ी थी तो राष्ट्रीय स्टेडियम में दर्शकों ने मेजबान देश के खिलाड़ियों की हूटिंग की थी। फ्रांस की 1998 मे विश्व कप जीतने वाली टीम के कप्तान और मौजूदा टीम के कोच दिदिएर डेसचैम्प्स ने दायें छोर से पेवार्ड और बायें छोर से हर्नांडेज को खिलाने का बड़ा फैसला किया था।
बाइस साल के इन दोनों खिलाड़ियों को सिर्फ 10-10 अंतर्राष्ट्रीय मैचों में खेलने का अनुभव है लेकिन मौजूदा विश्व कप में दोनों ने धैर्य और जज्बा दिखाया है। दूसरी तरफ शुरुआत में संदेह जताया जा रहा था कि कोच रोबर्टो मार्टिनेज बेल्जियम की व्यक्तिगत प्रतिभा को सामूहिक ताकत में बदल पाएंगे या नहीं। प्रशंसकों ने अगस्त 2016 में उनके टीम के साथ जुड़ने को अधिक तवज्जो नहीं दी थी क्योंकि इससे कुछ समय पहले इंग्लैंड की प्रीमियर लीग टीम एवर्टन ने उन्हें बर्खास्त किया था। मार्टिनेज के कार्यकाल की शुरुआत स्पेन के खिलाफ घरेलू मैदान पर 0-2 की हार के साथ हुई लेकिन इसके बाद से बेल्जियम 24 मैचों से अजेय है और इस दौरान उसने 78गोल किए जबकि सिर्फ एक मैच में टीम गोल नहीं कर पाई।
फ्रांस के पूर्व स्ट्राइकर थियेरी हेनरी बेल्जियम के सहायक कोच हैं और टीम मौजूदा विश्व कप के पांच मैचों में 14 गोल के साथ टूर्नामेंट में सर्वाधिक गोल दागने वाली टीम है। जापान के खिलाफ अंतिम 16के मुकाबले में टीम जब 0-2 से पिछड़ रही थी तब मार्टिनेज ने मारुआने फेलाइनी और नासेर चाडली दोनों को मैदान पर उतारा और दोनों ने गोल दागे और टीम 3-2 से जीत दर्ज करने में सफल रही। बेल्जियम को हालांकि डिफेंडर थामस मेनुएर की गैरमौजूदगी से निपटना होगा जिन्होंने दोनों छोर से बेल्जियम के आक्रमण में अहम भूमिका निभाई है।