नई दिल्ली : बैडमिंटन जानकारों की मानें तो जकार्ता एशियाई खेलों में भारत के पास अपना श्रेष्ठ प्रदर्शन करने और स्वर्ण जीतने का सुनहरी मौका है। ऐसा इसलिए कहा जा रहा है क्योंकि भारतीय खिलाड़ियों की ताजा फार्म बेहतर चल रही है। खासकर, महिला वर्ग में पीवी सिंधु और साइना नेहवाल तथा पुरुषों मे श्रीकांत पदक की बड़ी उम्मीद माने जा रहे हैं। इन खिलाड़ियों का पिछला रिकार्ड और हाल का प्रदर्शन खासा अच्छा रहा है। यह बात अलग है कि महत्वपूर्ण अवसरों पर हमारे खिलाड़ी दबाव में आ जाते हैं।
यह सही है कि बैडमिंटन के अधिकांश बड़े और नामी खिलाड़ी एशिया से हैं और चीन, जापान, कोरिया, इंडोनेशिया, मलेशिया, चीनी ताइपेई से कड़ी चुनौती मिलेगी। लेकिन पिछले कुछ सालों से भारतीय खिलाड़ी इन सभी देशों के विरुद्ध लगातार बेहतर कर रहे हैं। नतीजन साइना और सिंधु ने ओलंपिक पदक जीते, श्रीकांत और एचएस प्रणय किसी भी खिलाड़ी से निपटने की योग्यता रखते हैं। बेशक, सबसे बड़ी उम्मीद सिंधु हैं जिसने हाल में विश्व चैंपियनशिप मे शानदार प्रदर्शन किया पर फाइनल में स्पेन की कैरोलीन से हार गई, जोकि एशियाड में नहीं होंगी। वैसे भी सिंधु लगातार अच्छा खेलने के बावजूद इस साल एक भी खिताब नहीं जीती है।
18वें एशियाई खेलों का जकार्ता में आज से आगाज, इन खिलाडियों पर टिकी होगी भारत की उम्मीदें
साइना नेहवाल ने कामनवेल्थ खिताब जरूर जीता पर उसके खेल में भी स्थिरता की कमी साफ नजर आती है। 28 साल की साइना के लिए चार साल बाद खेलना शायद ही संभव हो पाए। ऐसे में उसे जकार्ता में अपना सारा अनुभव झोंकना पड़ेगा। श्रीकांत और प्रणय भी विश्वस्तरीय खिलाडिय़ों में शुमार हैं और किसी को भी हरा सकते हैं। लेकिन उन्हें अपनी फार्म बरकरार रखनी होगी। एशियाड में भारत का 20 स्दस्यीय भारी भरकम दल भाग ले रहा है। डबल्स और मिक्स्ड डबल्स में ज़्यादा उम्मीद नहीं पर सिंगलस में पदक जरूर मिल सकते हैं, देखना होगा किस रंग का होगा।
(राजेंद्र सजवान)