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बदल गई हैं कीवी पिचें : सचिन

सचिन तेंदुलकर ने कहा न्यूजीलैंड की पिचों का व्यवहार काफी बदल गया गया है और बल्लेबाजी के लिए अनूकुल इन पिचों पर भारत के पास वह क्षमता है जिससे वे मेजबान टीम को मुश्किल में डाल सकते हैं।

नई दिल्ली : मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर ने कहा कि न्यूजीलैंड की पिचों का व्यवहार काफी बदल गया गया है और बल्लेबाजी के लिए अनूकुल इन पिचों पर भारत के पास वह क्षमता है जिससे वे मेजबान टीम को मुश्किल में डाल सकते हैं। तेंदुलकर ने 1990 से 2009 तक रिकार्ड पांच बार न्यूजीलैंड का दौरा किया है। उन्होंने कहा कि जब वह अपने पहले दौरे पर न्यूजीलैंड गये थे तो पिचों से तेज गेंदबाजों को काफी मदद मिलती थी जबकि 2009 में उनके आखिरी दौरे पर यहां रन बनाना काफी आसान हो गया था। 
तेंदुलकर ने कहा कि न्यूजीलैंड की पिचों में बदलाव आया है जिससे हाल के वर्ष में टेस्ट मैचों में काफी रन बने हैं। भारतीय टीम 24 जनवरी से शुरू हो रहे न्यूजीलैंड दौरे पर पांच टी20 अंतरराष्ट्रीय, तीन एकदिवसीय और दो टेस्ट मैच खेलेगी। तेंदुलकर उस टीम का हिस्सा रहे है जिसने 2002 में घसियाली पिच पर एकदिवसीय और टेस्ट श्रृंखला खेली थी और फिर 2009 में टेस्ट श्रृंखला में न्यूजीलैंड को हराया था। 
भारतीय टीम ने तब 32 साल के बाद न्यूजीलैंड में टेस्ट श्रृंखला में जीत दर्ज की थी। उन्होंने कहा कि मुझे याद है जब मैं 2009 में वहां खेला था, हैमिल्टन की पिच का व्यवहार दूसरी पिचों से अलग था। दूसरी पिचें (वेलिंगटन और नेपियर) सख्त थी लेकिन हैमिल्टन की नहीं। वह नरम थी। तेंदुलकर ने कहा कि समय बीतने के साथ नेपियर की पिच सख्त हो गयी (गौतम गंभीर ने यहां 2009 में 12 घंटे से ज्यादा देर तक बल्लेबाजी करते हुए शतक लगाकर मैच बचाया था)। मुझे लगा कि मेरे पहले दौरे के मुकाबले (1990 से 2009) पिचें सख्त हो गयीं। 
भारत के पूर्व दिग्गज ने कहा कि हमारे पास तेज और स्पिन गेंदबाजों का शानदार आक्रमण है। मेरा मानना ​​है कि हमारे पास न्यूजीलैंड में प्रतिस्पर्धा करने की पूरी क्षमता है। तेंदुलकर ने हालांकि कहा कि टीम को वेलिंगटन में हवा के असर से निपटने के लिए तैयार रहना होगा। उन्होंने कहा कि वेलिंगटन में मैं खेला हूं और अगर आप हवा के साथ या हवा के उलट दिशा से गेंदबाजी कर रहे हैं तो इससे बहुत फर्क पड़ता है। बल्लेबाज को इस बात के बात को लेकर सावधान होना चाहिए कि वह किस छोर पर आक्रमण करना चाहता है, यह बहुत महत्वपूर्ण है। 
तेंदुलकर ने कहा कि वह चाहेंगे कि स्पिनर हवा की विपरीत दिशा से गेंदबाजी करें। उन्होंने कहा कि हवा की विपरीत दिशा से गेंदबाजी करने वाले तेज गेंदबाजों को होशियारी से काम लेना होगा। अगर हवा की गति तेज रही तो मैं चाहूंगा कि उसके विपरीत छोर से स्पिनर गेंदबाजी करें और तेज गेंदबाज हवा के साथ गेंदबाजी करे। तेंदुलकर ने कहा कि रोहित शर्मा का एकदिवसीय मैचों का अनुभव टेस्ट में काम आयेगा।

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