कोरोना वायरस के कारण देशभर में लगे लॉकडाउन से खिलाड़यों को राष्ट्रीय खेल पुरस्कारों के लिए आवेदन करने में हुई परेशानियों के मद्देनजर केंद्रीय खेल मंत्रालय ने खिलाड़यों को खुद इन पुरस्कारों के लिए आवेदन करने की अनुमति दे दी है। खेल मंत्रालय ने साथ ही देश के सर्वोच्च खेल सम्मान राजीव गांधी खेल रत्न, अर्जुन पुरस्कार, द्रोणाचार्य अवार्ड और ध्यानचंद अवार्ड के लिए आवेदन करने की आखिरी तारिख को तीन जून से बढ़कर 22 जून भी कर दिया है। ये पुरस्कार 29 अगस्त को राष्ट्रीय खेल दिवस के दिन राष्ट्रपति भवन में प्रदान किये जाते हैं।
केंद्रीय खेल मंत्रालय ने इस साल के राष्ट्रीय खेल अवॉर्ड के लिए ई-मेल के जरिए नामांकन आमंत्रित किये थे। राष्ट्रीय खेल अवॉर्ड के नामांकन की शुरुआत अप्रैल में होनी थी लेकिन कोरोना वायरस के खतरे को देखते हुए इसे मई तक बढ़ दिया गया था। नामांकन भेजने की अंतिम तारीख तीन जून थी जिसे अब 22 जून तक बढ़ दिया गया है। खेल पुरस्कारों के लिए जनवरी 2016 से दिसंबर 2019 तक के प्रदर्शन को ध्यान में रखा जाएगा।
खिलाड़यों ने खेल मंत्रालय को शिकायत की थी कि लॉकडाउन के कारण उन्हें प्रस्तावक मिलने में परेशानी हो रही है। खिलाड़यों की इस परेशानी के मद्देनजर खेल मंत्रालय ने खिलाड़यों को खुद ही अपना नामांकन करने की अनुमति दे दी है। खेल मंत्रालय ने बताया है कि पुरस्कार योजना में अधिकारियों या व्यक्तियों की अनुशंसा पर भेजे गए आवेदन ही जमा करने का नियम समाप्त कर दिया गया है और खिलाड़ फॉर्म में इस हिस्से को खाली छोड़ सकते हैं।
खेल पुरस्कार आवेदन के नियमों के तहत वे ही आवेदन मान्य होते हैं जिनके लिए राष्ट्रीय महासंघ, खेल बोर्ड या पूर्व पुरस्कार विजेताओं ने सिफारिश की हो। यह नियम समाप्त किये जाने के बाद वे खिलाड़ भी आवेदन कर सकेंगे जिनके नाम राष्ट्रीय खेल महासंघों ने नहीं भेजे हैं और उन्हें पूर्व विजेताओं की सिफारिश भी हासिल नहीं है।