नई दिल्ली : युगल खिलाड़ी प्राजक्ता सावंत ने नेपाल में होने वाले दक्षिण एशियाई खेलों (सैग) की भारतीय बैडमिंटन टीम के चयन पर सवाल उठाते हुए शनिवार को कहा कि इस क्षेत्रीय बहु खेल प्रतियोगिता के लिए ऐसे खिलाड़ियों को चुना गया जो घरेलू टूर्नामेंट भी नहीं खेले।
भारतीय बैडमिंटन संघ (बीएआई) ने हालांकि किसी तरह के भेदभाव के आरोपों से इनकार करते हुए कहा कि खिलाड़ियो का चयन तय पात्रता नियमों के आधार पर किया गया। प्राजक्ता ने कई ट्वीट करते हुए टीम के चयन पर सवाल उठाए और बीएआई के अध्यक्ष हिमांत बिस्व सरमा से इस मामले को देखने की अपील की। प्राजक्ता ने अपने ट्विटर हैंडल पर लिखा कि अनौपचारिक रूप से सैफ (सैग) खेलों की टीम पर पहले ही फैसला हो चुका है।
खिलाड़ी नेपाल पहुंचने की कहानियां इंस्टाग्राम और फेसबुक पर डाल रहे हैं। किस आधार पर चयन किया गया? उन्होंने लिखा कि क्या भारतीय टीम के लिए सिर्फ गोपीचंद अकादमी के खिलाड़ी खेलेंगे? जिन्होंने अखिल भारतीय टूर्नामेंटों तक में हिस्सा नहीं लिया और उन्हें सीधा भारतीय टीम में चुना गया। कृपया जवाब दीजिए। सरमा ने हालांकि स्पष्ट किया कि टीम के चयन में कोई भेदभाव नहीं किया गया। सरमा ने कहा कि बीएआई ने तय चयन पात्रता के आधार पर टूर्नामेंट के लिए टीम का चयन किया है।
दक्षिण एशियाई खेलों के लिए भी टीम का चयन तय चयन पात्रता के आधार पर किया गया है जो बीएआई द्वारा दिल्ली उच्च न्यायालय और केरल उच्च न्यायालय में दायर हलफनामे के अनुसार है। किसी का पक्ष नहीं लिया गया। सैग की अधिकृत वेबसाइट की प्रविष्टियों के अनुसार महिला युगल खिलाड़ियों कुहू गर्ग, मेघना जक्कमपुडी और अनुष्का पारिख को भारत की 11 सदस्यीय टीम में शामिल किया गया है जबकि शिखा गौतम और अश्विनी भट के को टीम में जगह नहीं मिली है।
शिखा और अश्विनी ने इस साल पहली बार राष्ट्रीय चैंपियनशिप का खिताब जीता। प्राजक्ता ने शिखा और अश्विनी की गैरमौजूदगी को ‘अन्याय’ करार दिया। सैग खेलों में बैडमिंटन की टीम स्पर्धा की शुरुआत रविवार को होगी जबकि व्यक्तिगत स्पर्धाएं तीन दिसंबर से होंगी।