2013 चैंपियंस ट्रॉफी के बाद से भारतीय टीम कोई भी आईसीसी इवेंट नहीं जीत पाया है। जिसके चलते टीम को काफी आलोचना भी झेलनी पड़ी। भारतीय टीम जभी किसी टूर्नामेंट में भाग लेती है तो उसे जीत का प्रबल दावेदार मानना जाता है और भारतीय टीम हमेशा सेमीफाइनल और फाइनल्स तक पहुंच भी जाती है लेकिन 2013 के बाद से ट्रॉफी उठाने में नाकाम रही है। अब एक बार फिर से भारतीय वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल पहुंच चुकी है और उस पर फिर से एक बार ट्रॉफी जीतने का दबाव होगा। लेकिन इस फाइनल मुकाबले से पहले टीम के हेड कोच ने ट्रॉफी जीतने के दबाव को लेकर अपनी प्रतिक्रिया दी है और कहा है कि टीम पर किसी प्रकार का दबाव नहीं है।
वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप का फाइनल मुकाबला 7-11 जून लंदन के ओवल ग्राउंड में खेला जाएगा। भारत के सामने ऑस्ट्रेलिया जैसी मजबूत टीम है, जो आईसीसी इवेंट में लगातार अच्छा करती है। वहीँ भारतीय टीम भी काफी मजबूत दिख रही है और WTC फाइनल में लगातार दूसरी बार जगह बनाई है। इसे पहले 2021 में उसे न्यूज़ीलैंड के हाथो हार का सामना करना पड़ा था।
इस बार इस महा मुकाबले से पहले टीम के कोच राहुल द्रविड़ ने 2013 से ट्रॉफी नहीं जीतने पाने के दबाव को लेकर कहा,” बिल्कुल भी नहीं। आईसीसी ट्रॉफी जीतने के लिए हम कोई दबाव महसूस नहीं कर रहे हैं। निश्चित तौर पर ये ट्रॉफी जीतना काफी शानदार होगा। आईसीसी टूर्नामेंट जीतना काफी अच्छा होता है लेकिन अगर आप देखें तो दो सालों तक हमने कड़ी मेहनत की है और आपको काफी सफलता मिली है, तभी आप यहां तक पहुंचे हैं। इसलिए कई सारी पॉजिटिव चीजें हैं। ऑस्ट्रेलिया में सीरीज जीतना, यहां पर ड्रॉ कराना। पिछले कुछ सालों से हमने हर एक जगह पर काफी कड़ी चुनौती पेश की है। आईसीसी ट्रॉफी नहीं होने से ये चीजें चेंज नहीं हो जाएंगी।”
बता दें कि भारतीय टीम 2013 चैंपियंस ट्रॉफी जीतने के बाद से 2014 टी20 फाइनल , 2015 वर्ल्ड कप सेमीफाइनल, 2017 चैंपियंस ट्रॉफी फाइनल, 2019 वर्ल्ड कप सेमीफाइनल, 2021 WTC फाइनल और फिर 2022 टी20 वर्ल्ड कप सेमीफाइनल में पहुंच के ट्रॉफी से दूर रह गयी है। लेकिन इस बार कप्तान रोहित शर्मा और कोच राहुल द्रविड़ की लीडरशिप में भारतीय ट्रॉफी को उठाना चाहेगी।