फीफा विश्व कप के ग्रुप-बी के सबसे चर्चित और रोमांचक मुकाबले में पुर्तगाल और स्पेन 3-3 से बराबरी पर छूटे। मैच के दौरान सारी निगाहें क्रिस्टियानो रोनाल्डो पर टिकी थीं। उन्होंने अपने जबर्दस्त खेल से प्रशंसकों का दिल जीत लिया। रोनाल्डो ने हैट्रिक लगाकर अपनी टीम को हार से बचा लिया। स्पेन की ओर से डिएगो कोस्टा ने 2 गोल दागे, जबकि नैचो के हिस्से एक गोल आया। रोनाल्डो ने 3-3 से ड्रॉ मैच में 3 गोल दागे। वर्ल्ड कप के इतिहास में वह हैट्रिक जमाने वाले सबसे उम्रदराज खिलाड़ी बन गए हैं।
रोनाल्डो ने अपने चमकदार करियर में विश्व कप ट्रॉफी हासिल करने का संभवत: आखिरी जोरदार प्रयास के लिए उतरे हैं। उन्होंने मैच के चौथे ही मिनट में पेनल्टी पर गोल कर पुर्तगाल को 1-0 से बढ़त दिला दी। पहला गोल करने के बाद वह दौड़ते हुए कॉर्नर फ्लैग के करीब जाकर अपने जाने पहचाने खास अंदाज में जश्न मनाया।
मैच के 24वें मिनट में ब्राजील में जन्मे और मौजूदा एटलेटिको मैड्रिड टीम के 29 वर्षीय स्ट्राइकर डिएगो कोस्टा ने स्पेन को 1-1 की बराबरी दिला दी। स्पेनिश डिफेंडरों ने रोनाल्डो को बांधने की लाख कोशिशें कीं, लेकिन रोनाल्डो कब मानने वाले थे। उन्होंने 44वें मिनट में पुर्तगाल को 2-1 से बढ़त दिला दी।
एक बार फिर डिएगो कोस्टा ने धूम मचाई और 55वें मिनट में 2-2 से मैच बराबर कर दिया। बराबरी के गोल के बाद से स्पेनिश खिलाड़ियों ने शानदार ‘टिकी टाका’ फुटबॉल का प्रदर्शन करते हुए लगातार हमले बोले। रोनाल्डो के रियल मैड्रिड के साथी 28 साल के नैचो ने 58वें मिनट में स्पेन को 3-2 से आगे कर दिया। आखिरकार रोनाल्डो ने दिखला दिया कि उन्हें क्यों महान कहा जाता है। उन्होंने 88वें मिनट में फ्री किक पर गोल कर पुर्तगाल को 3-3 की बराबरी दिला दी। दरअसल, गेरार्ड पिक की गलती से पुर्तगाल को फ्री किक मिली, जिसे रोनाल्डो ने गोल में बदलकर यह अहम मुकाबला ड्रॉ कराया।
2006: ⚽
2010: ⚽
2014: ⚽
2018: ⚽@Cristiano has now scored at four different FIFA #WorldCup editions. pic.twitter.com/hrsoYkBhtB— FIFA World Cup ? (@FIFAWorldCup) 15 June 2018
स्पेन और पुर्तगाल के बीच विश्व कप में आखिरी मुकाबला 2010 में अंतिम 16 में हुआ था, जब 63वें मिनट में डेविड विला के गोल की मदद से स्पेन ने जीत दर्ज की थी और आखिर में खिताब भी स्पेन के ही नाम रहा।
स्पेन के डिएगो कोस्टा के नाम 2 गोल रहे।
रोनाल्डो 4 वर्ल्ड कप- 6 गोल
वर्ल्ड कप में रोनाल्डो के कुल छह गोल (14 मैच) हो गए हैं। यानी चार वर्ल्ड कप (2006, 2010, 2014, 2018) में इस दिग्गज ने 6 गोल अपने नाम कर लिये हैं। इसके साथ ही उन्होंने अपने प्रबल प्रतिद्वंद्वी लियोनेल मेसी को पीछे छोड़ दिया है. मेसी के 15 मैचों में 5 गोल हैं।
स्पेन की टीम इस मैच में कोच जुलेन लोपेटेगुइ को अचानक बर्खास्त किए जाने के फैसले को भुलाकर मैदान पर उतरी थी, लेकिन जीत उनसे दूर रही। लोपेटेगुइ रियल मैड्रिड से जुड़ने जा रहे हैं, जो रोनाल्डो का क्लब है।
ईरान ने मोरक्को को 1-0 से हराया
फीफा विश्व कप के 21वें संस्करण में शुक्रवार को सेंट पीटर्सबर्ग स्टेडियम में ग्रुप-बी के मैच में ईरान ने मोरक्को को 1-0 के से हरा दिया। इस जीत में हालांकि ईरान का हाथ नहीं था, क्योंकि मोरक्को ने आत्मघाती गोल कर अपनी किस्मत में हार लिखी। मैच गोलरहित बराबरी की ओर बढ़ रहा था, तभी इंजुरी टाइम (95वें मिनट में) ईरान को फ्री किक मिली, जिसे एहसान साजी साफी ने बॉक्स के अंदर भेजा। गोलपोस्ट के सामने खड़े मोरक्को के अजीज बोहादोज ने हेडर के लिए गेंद को बाहर भेजना चाहा, लेकिन दुर्भाग्यवश वह गेंद को गोलपोस्ट के अंदर मार बैठे और ईरान को बिना मेहनत के जीत मिल गई। मोरक्को की ओर से वर्ल्ड कप में यह दूसरा आत्मघाती गोल है। इससे पहले 1998 में यूसेफ चिप्पो ने आत्मघाती गोल किया था।
यह ईरान की विश्व कप में दूसरी जीत है। इससे पहले उसने 1998 में अमेरिका को मात देकर अपनी पहली जीत हासिल की थी। ईरान ने इस मैच में अधिकतर समय गेंद अपने पास रखी, लेकिन मौके बनाने के मामले में मोरक्को की टीम आगे रही, हालांकि मौकों को वो गोल में तब्दील करने में असफल रही। अंत के 20 मिनट में दोनों टीमों ने कुछ बदलाव किए। हालांकि यह बदलाव दोनों टीमों को गोल नहीं दिला पाए। मैच के इंजुरी टाइम में ईरान की किस्मत मोरक्को की किस्मत पर भारी पड़ गई और उसे विश्व कप इतिहास की दूसरी जीत नसीब हुई।
ANOTHER dramatic finale at this year’s #WorldCup! pic.twitter.com/DbhaGTI3Af
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गोल होते ही ईरान के खिलाड़ी खुशी से झूम उठे मानो विश्व कप ही जीत लिया हो। ईरान की विश्व कप की तैयारियां आसान नहीं थीं. एक कंपनी ने चार दिन पहले ही खिलाड़ियों को जूतों की आपूर्ति रोक दी थी। यूनान और कोसोवो के खिलाफ उसके दोस्ताना मैच रद्द हो गए थे।
गिमेनेज के गोल से उरुग्वे ने मिस्र को 1-0 से हराया
जोस गिमेनेज (90वें मिनट) के हेडर के दम पर उरुग्वे ने एकातेरिनबर्ग स्टेडियम में मिस्र (इजिप्ट) के खिलाफ 1-0 से रोमांचक जीत हासिल की। इस मैच में मिस्र के स्टार खिलाड़ी मोहम्मद सलाह की कमी साफ नजर आ रही थी, क्योंकि उनकी टीम का फॉरवर्ड उरुग्वे के डिफेंस को भेदने में असफल रहा।
स्टार फॉरवर्ड सलाह के बिना उतरी मिस्र की टीम ने एडिसन कवानी और बार्सिलोना के बेहतरीन खिलाड़ी लुइस सुआरेज जैसे दिग्गज फॉरवर्ड खिलाड़ियों से सजी उरुग्वे की टीम को अपने अच्छे डिफेंस के दम पर शुरुआती बढ़त नहीं लेने दी।
उरुग्वे ने भी अच्छे डिफेंस का प्रदर्शन किया, लेकिन उसके मिडफील्ड में अनुभव की कमी साफ नजर आई। उसने मैच के 23वें मिनट में बेहतरीन गोल का अवसर गंवा दिया। इससे पहले, आठवें मिनट में कवानी को भी गोल का अवसर मिला था। उन्होंने गोल पोस्ट के बॉक्स के बाहर से किक मारी, लेकिन मिस्र के गोलकीपर मोहम्मद एल शेनवाई ने शानदार तरीके से इसे सेव कर लिया।
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दो शानदार मौके गंवाने के बावजूद मिस्र का डिफेंस डटा रहा। बेंच पर बैठे स्टार खिलाड़ी सलाह इस पूरे मैच को देख रहे थे. 1990 के बाद पहली बार विश्व कप में हिस्सा ले रही इस टीम को भी उरुग्वे के गोल पोस्ट तक पहुंचने के दो अवसर मिले, लेकिन वह इस अवसर को भुना नहीं पाई।
दूसरे हाफ की शुरुआत में भी उरुग्वे का अटैक मिस्र के डिफेंस के आगे कमजोर नजर आया। 47वें मिनट में ही एक बार फिर सुआरेज को शानदार गोल का मौका मिला, लेकिन एक बार फिर मिस्र के गोलकीपर शेनवाई ने उरुग्वे की इस कोशिश पर भी पानी फेर दिया।
इस बीच 49वें मिनट में मिस्र के खिलाड़ी तारेक हामेद को पैर में चोट लग गई और उनके स्थान पर सैम मोर्सी को मैदान पर भेजा गया। गोल करने के अवसरों को गंवाने वाले सुआरेज 73वें मिनट में एक बार फिर मिस्र के गोल पोस्ट तक पहुंचे, लेकिन फिर शेनवाई ने सुआरेज के पैरों पर फंसी गेंद को अपने हाथों से रोक लिया और सुआरेज एक बार फिर गोल करने से चूक गए।
मिस्र के खिलाड़ियों को 80वें मिनट में अच्छा अवसर मिला था, लेकिन मुसलेरा का शॉट गोल पोस्ट के ऊपर से निकल गया। इस मैच में मिस्र के लिए स्टार बनकर उभरे गोलकीपर शेनवाई ने 83वें मिनट में सुआरेज और कवानी की जुगलबंदी को करारा जवाब दिया।
सुआरेज से मिले पास को कवानी ने सीधा शॉट मारकर मिस्र के गोल पोस्ट पर फेंका, लेकिन शेनवाई ने बेहतरीन तरीके से सेव कर लिया. 88वें मिनट में कवानी ने फ्री किक के जरिये गोल करने की कोशिश की, लेकिन नाकाम रहे। इतनी मशक्कत के बाद आखिरकार 90वें मिनट में सांचेज ने राइट से फ्री किक पास किया, जिसे एटलेटिको मैड्रिड के खिलाड़ी जोस गिमेनेज ने सिर से मारकर मिस्र के गोल पोस्ट पर पहुंचाया और उरुग्वे को बड़ी सफलता दिलाई।
दोनों टीमों को पांच मिनट का इंजुरी टाइम दिया गया। हालांकि इसमें दोनों टीमों के बीच कोई गोल नहीं हुआ और अंत में उरुग्वे ने 1-0 से जीत हासिल की।