भारत की दिग्गज टेनिस प्लेयर सानिया मिर्जा ने बीते गुरुवार को कहा है कि क्रिकेटरों की पत्नियों और महिला मित्रों के क्रिकेट दौरों पर जाने की हमेशा से जो आलोचना होती आ रही है वह सिर्फ मानसिकता है जो महिलाओं के प्रति बनी हुई है। उन्होंने यह भी कहा कि महिलाओं को ध्यानभंग करने वाली लोगों ने समझा हुआ है। महिलाओं को ताकत तो कभी भी लोगों ने समझा ही नहीं है।
भारतीय आर्थिक मंच पर सानिया ने कहा कि खेलाें में हिस्सा लेने के लिए लड़कियों को छोटी उम्र में ही प्रोत्साहित करना चाहिए। सानिया मिर्जा ने कहा कि, दूसरे देशों की क्रिकेट टीम और भारत की क्रिकेट टीम में कई बार मैंने देखा है कि वह अपनी पत्नियों या महिला मित्रों को अपने साथ दौरों पर ले जाने के लिए अनुमति मांगते हैं लेकिन उन्हें यह कहकर अनुमति नहीं दी जाती कि लड़कियां खिलाड़ियों का ध्यान भंग कर देंगी।
यह फैसला लिया जाता है गतल मानसिकता के कारण
सानिया मिर्जा ने इस बारे में बात करते हुए कहा, क्या मतलब है इसका? महिलाएं ऐसा क्या करती हैं कि उससे पुरुषों का ध्यान इतना भंग हो जाता है? सानिया ने कहा कि, देखिए यह चीज उस गहरी मानसिकता से आती है जिसमें माना जाता है कि महिलाएं ताकत नहीं बल्कि ध्यान भंग करती हैं।
सानिया ने आगे कहा कि इस बात की पुष्टि हो चुकी है जब उनकी पत्नियां और महिला मित्र और उनका परिवार साथ होता है तो पुरुष खिलाड़ी शानदार प्रदर्शन करते हैं। ऐसा इसलिए जब वह कमरे में आते हैं तो उन्हें खुशी महसूस होती है। सानिया ने आगे कहा, जब खाली कमरे में पुरुष खिलाड़ी आएंगे तो वह बाहर जाएंगे, डिनर करेंगे। लेकिन जब उनके साथ पत्नी या महिला मित्रा होता है तो वह साथ बैठते हैं।
बचाव किया अनुष्का का
पाकिस्तान टीम को विश्व कप में हमेशा की तरह भारत ने हराया था। जिसपर सानिया से सवाल करते हुए पूछा गया तो सानिया ने ही पूछा कि इसके लिए वह कैसे जिम्मेदार हो सकती हैं।
सानिया ने कहा, विराट कोहली जब भी शून्य पर आउट होते हैं तो अनुष्का शर्मा को क्यों जिम्मेदार ठहराया जाता है। उनके शून्य पर आउट होने से अनुष्का का क्या लेना देना है। इसका कोई मतलब नहीं है।