कोरोना महामारी के कारण देश में लगे लॉकडाउन के चलते खेल गतिविधियां पूरी तरह से बंद है। लॉकडाउन के चौथे चरण में सरकार ने स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स और स्टेडियम खोलने की अनुमति दे दी है। हालांकि, बिना दर्शकों के यह खोलने की अनुमति दी गई है। इस बीच, भारतीय खेल प्राधिकरण (साइ) ने अभ्यास के लिये मानक संचालन प्रक्रिया की घोषणा कर दी जिसके तहत रिले अभ्यास में बेटन एक दूसरे के हाथ में नहीं सौप सकेंगे, मुक्केबाज रिंग में नहीं उतरेंगे और इंडोर बैडमिंटन कोर्ट पर सिर्फ एकल खिलाड़ी अभ्यास करेंगे लेकिन अभ्यास कब शुरू होगा, यह स्पष्ट नहीं है।
एथलेटिक्स, हॉकी, बैडमिंटन, मुक्केबाजी और निशानेबाजी समेत 11 खेलों में आउटडोर अभ्यास की अनुमति दे दी गई है। भारोत्तोलक, तीरंदाज, साइकिलिस्ट, तलवारबाज, पहलवान और टेबल टेनिस खिलाड़ी भी सुरक्षा उपायों के साथ अभ्यास कर सकते हैं। इसके साथ ही संपर्क खेलों में ‘स्पारिंग’(अभ्यास के साथी) के इस्तेमाल पर भी रोक लगा दी गई है जबकि तरणताल का इस्तेमाल भी अभी नहीं कर सकेंगे। गृह मंत्रालय ने लॉकडाउन के चौथे चरण में खेल परिसरों और स्टेडियमों के इस्तेमाल की अनुमति दे दी है, लेकिन यह नहीं बताया कि कोरोना वायरस महामारी के बीच अभ्यास कब बहाल होगा।
साइ सचिव रोहित भारद्वाज ने आनलाइन प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा,‘‘अभ्यास की बहाली स्थानीय प्रशासन की सहमति पर निर्भर करेगी।’’ उन्होंने कहा,‘‘हर इस्तेमाल के बाद अभ्यास के उपकरणों को संक्रमण रहित किया जायेगा, अभ्यास के साथी के इस्तेमाल पर रोक रहेगी और जिम का प्रयोग बारी बारी से किया जायेगा।’’ गृह और खेल मंत्रालय से मंजूरी मिलने के बाद यह एसओपी जारी किया गया। भारद्वाज की अगुवाई में छह सदस्यीय समिति ने प्रोटोकॉल की अध्यक्षता की।
इसके तहत सभी खिलाड़ियों और स्टाफ के लिये आरोग्य सेतु का इस्तेमाल जरूरी रहेगा। इसके साथ ही सामाजिक दूरी के नियम का कड़ाई से पालन करना होगा। खिलाड़ियों की सेहत को ध्यान में रखकर सफाई के चाक चौबंद उपाय किये जायेंगे। भारद्वाज ने कहा,‘‘एसओपी का मकसद खेल गतिविधियां बहाल करना है। इससे हमें वे सिद्धांत मिले हैं जिनके आधार पर गतिविधियां शुरू हो सकती हैं लेकिन सरकारी दिशा निर्देशों का पालन करना जरूरी है। सब कुछ स्थानीय प्रशासन से मशविरे के बाद ही किया जायेगा।’’ इसमें कहा गया कि सभी खिलाड़ी सामाजिक दूरी के नियम का पालन करेंगे और अपने उपकरण किसी के साथ साझा नहीं करेंगे।