अंडर- 19 भारतीय महिला टीम ने आईसीसी अंडर-19 टी20 वर्ल्ड कप का खिताब अपने नाम करा लिया है फाइनल मुकाबले में इंग्लैंड महिला टीम को सात विकेट से हरकारा इस टूर्नामेंट को जीतने वाली पहली टीम बन गई है। सीनियर टीम में खेल चुकी शैफाली वर्मा की कप्तानी में भारतीय महिल टीम ने इस पुरे टूर्नामेंट बेहतरीन प्रदर्शन किया। जब भी कोई टीम वर्ल्ड चैंपियन बनती है तो उसमें हर एक खिलाड़ी और टीम सपोर्ट स्टाफ का योगदान होता। हम उन खिलाड़ियों की बात करेंगे जिन्होंने अपने प्रदर्शन से छाप छोड़ी और खूब सुर्खियां बटोरी।
भारत टीम को इस मुकाम तक पहुंचाने में सबसे बड़ा योगदान रहा कप्तान शैफाली वर्मा का जिन्होंने अपने ऑलराउंडर परफॉरमेंस से सबको इम्प्रेस किया और टीम को एक कप्तान के रूप में फ्रंट से लीड किया। शैफाली ने इस टूर्नामेंट में 7 मैचों एम् 24.57 की औसत से 172 रन बनाए और साथ ही चार विकेट भी लिए। और अपनी कप्तानी से भी सबको प्रभावित किया
इसके बाद दूसरे नंबर पर उप कप्तान श्वेता सहरावत हैं, जिन्होंने अपनी बैटिंग से सभी का दिल जीता और भारत के लिए ही नहीं बल्कि इस पुरे टूर्नामेंट में सबसे ज्यादा रन बनाने वाली बैटर रही। श्वेता ने कप्तान के साथ पारी की शुरुआत करते हुए पुरे टूर्नामेंट में शानदार बैटिंग की। श्वेता ने 7 मैचों में 99 की औसत से 297 रन बनाए। इस दौरान श्वेता ने तीन अर्धशतक लगाए,जिसमें उनका हाईएस्ट स्कोर 92 रन का रहा है।
वहीँ इस टूर्नामेंट में गेंदबाज़ी में लेग स्पिनर पार्शवी चोपड़ा भारत की तरफ से सबसे ज्यादा विकेट लेने वाली गेंदबाज़ रही। अहम मौको पर चोपड़ा ने टीम को विकेट निकाल दिए और मैच विनिंग परफॉर्मेंस दी। पार्शवी ने 6 मैचों में 7 औसत से 11 विकेट चटकाए। सेमीफाइनल मुकाबले में तीन विकेट लेकर चोपड़ा प्लेयर ऑफ़ द मैच रही थी और फाइनल मैच में भी चोपड़ा ने दो विकेट चटकाए थे। इस पुरे टूर्नामेंट में पार्शवी चोपड़ा से ज्यादा विकेट सिर्फ ऑस्ट्रेलिया की मैगी क्लार्क के नाम है, जिन्होंने 5 मैच में 12 विकेट लिए है।
इसके बाद बाएं हाथ की स्पिन गेंदबाज़ मन्नत कश्यप का शानदार प्रदर्शन रहा है। मन्नत ने 6 मैचों में 10.33 की औसत से 9 विकेट लिए। फाइनल मैच में भी मन्नत ने 3 ओवर में सिर्फ 13 रन देकर एक विकेट लिया था।
वहीँ एक और गेंदबाज़ अर्चना देवी ने टूर्नामेंट में 7 मैचों में 8 विकेट निकाले और कई अहम मौको पर टीम को सफलता दिलाई। इनके अलावा तितास साधु बेहतरीन गेंदबाज़ी की और फाइनल मैच में 4 ओवर में सिर्फ 6 रन डकार दो विकेट लिया और प्लेयर ऑफ़ द मैच भी रही।