भारतीय टीम के नए हेड कोच कोच को चुनने में कप्तान विराट कोहली इस बार अपनी राय नहीं दे पाएंगे। बीसीसीआई के एक अधिकारी ने खुद इस बात का खुलासा किया है। बता दें कि अनिल कुंबले ने जब पिछली बारी हेड कोच के पद से इस्तीफा दिया था तो नए कोच को तय करने में विराट कोहली ने दखल किया था।
अब बीसीसीआई ने कह दिया है कि इस बार भारतीय टीम के मुख्य कोच के सलेक्शन प्रोससे में कप्तान विराट कोहली अपना दखल नहीं देंगे। कपिल देव हेड कोच की नियुक्ति का फैसला लेंगे और साथ ही सपोर्ट स्टाफ को नियुक्ट करने में जिन तीन दिग्गजों की टीम के मुखिया को बनाना है उसे भी कपिल देव नियुक्ति करेंगे। विराट कोहली सहित पूरी टीम को कपिल देव का यह फैसला स्वीकार ही करना होगा।
सुप्रीम कोर्ट द्वारा बनाई गई कमेटी ऑफ एडमिनिस्ट्रेटर्स यानी सीओए, स्टीयरिंग कमेटी और पूर्व कप्तानी कपिल देव वाली कमेटी ही हेड कोच पर आखिरी फैसला लेगी। बीसीसीआई के एक अधिकारी के अनुसार, पिछली बार कप्तान विराट कोहली ने अनिल कुबले के साथ अपनी और टीम की परेशानी का जिक्र किया था।
लेकिन, इस बार नए कोच को लेकर वो कुछ नहीं कर पाएंगे। आखिरी फैसला कपिल देव वाली कमेटी को करना है जो विराट की एक नहीं सुनेंगे। पूर्व हेड कोच अनिल कुंबले और कप्तान विराट कोहली के बीच 2017 में मतभेद हो गया था जिसके बाद कुंबले ने कोच के पद को छोड़ दिया था।
उसके बाद सचिन तेंदुलकर, सौरव गांगुली और वीवीएस लक्ष्मण वाली क्रिकेट एडवाइजरी कमेटी ने विराट कोहली के कहने पर टीम का हेड कोच रवि शास्त्री को बना दिया। रवि शास्त्री ने उसकेे बाद टीम के बैटिंग कोच, बॉलिंग कोच और फील्डिंग कोच खुद चुने और बनाए।
सीनियर टीम के मुख्य कोच, बैटिंग कोच, बॉलिंग कोच, फील्डिंग कोच, फीजियो, स्ट्रेंथ एंड कंडीशनिंग कोच और एडमिनिस्ट्रेटिव मैनेजर के पद पर बीसीसीआई ने खुद वैकेंसी निकाली हैं।
इनविटेशन के मुताबिक 5 सितंबर 2019 से 24 नवंबर 2021 तक नए कोचिंग स्टाफ का कार्यकाल होगा। इसके अलावा टीम में एडमिनिस्ट्रेटिव मैनेजर को 1 साल के लिए भी अपाइंट किया जाएगा।