भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व स्टार ऑलराउंडर युवराज सिंह ने एक कार्यक्रम के दौरान सेमीफाइनल में भारत की हार का जिम्मेदार टीम प्रबंधन को माना है। युवराज सिंह ने कहा कि उनकी योजना 50 ओवरों के इस टूर्नामेंट के लिए बिल्कुल गलत थी। युवी ने कहा कि विश्व कप जैसे बड़े टूर्नामेंट में अंबाती रायुडू को बाहर किया। विजय शंकर को चुना जो बाद में चोटिल हो गए और बाद में ऋषभ पंत को टीम में शामिल किया।
युवराज सिंह ने कहा कि इनके फैसले के मैं खिलाफ नहीं हूं लेकिन दोनों ही खिलाड़ियों के पास अनुभव नहीं था। वनडे में दोनों ने महज 5 वनडे मैच ही खेले थे। मैं सिर्फ यह कह रहा हूं कि आप कैसे बड़े मैचों में जीत की उम्मीद इतने कम अनुभव वाले खिलाड़ियों से कर सकते हैं। मेरी नाराजगी उन चीजों से हैं जो थिंक टैंक ने की। टूर्नामेंट से बाहर ही दिनेश कार्तिक बैठे रहे और उन्हें सेमीफाइनल मैच में अचानक से टीम इलवेन में मौका दे दिया। सातवें नंबर पर बल्लेबाजी के लिए धोनी जैसे बड़े खिलाड़ी को भेज दिया।
यह स्थिति अव्यवस्था की थी। आप ऐसा निर्णय बड़े मैचों में नहीं ले सकते। उच्चतम स्कोर आपके चौथे नंबर के बल्लेबाज का 48 रन का था। इसी वजह से पूरी योजना ही खराब थी, क्योंकि वे मानकर चल रहे थे कि रोहित और विराट अच्छी फॉर्म में हैं लेकिन टीमें एेसे जीत दर्ज नहीं करतीं। मैं बहुत निराश था जो भी रायुडू के साथ हुआ। वह एक साल से भी अधिक समय तक नंबर चार बल्लेबाज रहे। यहां तक कि न्यूजीलैंड में अंतिम मैच में भी उन्होंने ही 90 रन की पारी खेलकर मैच जीताया और मैन ऑफ द मैच बने।
युवराज सिंह ने आगे कहा, मुझे लगता है कि टीम को टी20 विश्व कप से चार महीने पहले तैयार हो जाना चाहिए। मेरा मतलब है आपको पता होना चाहिए कि टीम के साथ कौन से 16 या 14 खिलाड़ी जाएंगे। हमें विश्व कप से पहले तैयार रहना चाहिए।
हालांकि इस मामले में हरभजन सिंह ने कहा, टीम पहले से संयोजित होनी चाहिए और खिलाड़ियों को पता होना चाहिए कि वे विश्व कप में खेलेंगे। ऐसा नहीं होना चाहिए की किसी के मन में टीम में जगह को लेकर आशंका हो।