अगर कोई खिलाड़ी देश के लिए खेलता है तो उसके लिए यह बहुत जरूरी हो जाता है की वह अपनी इमेज को बिल्कुल अच्छी रखे। लेकिन थर्ड जनेरेशन में मुझे लगता है कि अपने सीनियर्स का सम्मान मुझे ऐसे लोग कम थर्ड जनेरेशन में मिले हैं। यह बयान टीम इंडिया के पूर्व स्टार ऑलराउंडर युवराज सिंह ने दिया है। युवराज सिंह का कहना है कि टीम इंडिया में रोलमॉडल के रूप में विराट कोहली और रोहित शर्मा के अलावा ज्यादा नहीं हैं। भारत के सीनियर्स का ज्यादा सम्मान मौजूदा भारतीय टीम में नहीं करते हैं। सीमित ओवर फॉर्मेट में भारतीय उप कप्तान रोहित शर्मा ने इंस्टाग्राम पर लाइव चैट के दौरान मौजूदा टीम इंडिया और उनके समय में अंतर के बारे में युवराज सिंह से पूछा।
रोहित से इस मामले पर युवराज सिंह ने कहा, जब में या तुम टीम में आए थे तो हमारे सीनियर काफी अनुशासित थे। उस समय सोशल मीडिया नहीं था। इसी कारण किसी का ध्यान नहीं भटकता था। सभी को अनुशासन का खास ख्याल रखना पड़ता था। उन्होंने आगे कहा, लेकिन अब ऐसा नहीं है। मैं आप सभी से कहना चाहता हूं कि भारत के लिए खेलते समय अपनी इमेज का खास ख्याल रखें। टीम में विराट और तुम ही सारे फॉर्मेट खेल रहे हो, बाकी आते जाते रहते हैं। युवी ने कहा, अब टीम में उतने रोल मॉडल नहीं हैं। सीनियर्स के प्रति सम्मान भी कम हो गया है। कोई भी किसी को कुछ भी कह देता है।
युवी ने बताया इसको लेकर उनके समय के खिलाड़ी ज्यादा सतर्क रहते थे कि उनको लेकर क्या टीम में सीनियर सोचते हैं। युवी इ कहा, आजकल जूनियर जैसा व्यवहार करते हैं, हम अपने समय में उस बारे में सोच भी नहीं सकते थे, क्योंकि हमें डर रहता था कि अगर हम कोई गलती करते हैं तो सीनियर हमसे कहेंगे कि तुम्हें यह नहीं करना चाहिए येह सही नहीं है। युवराज सिंह ने हार्दिक पंड्या और केएल राहुल के चैट शो की कंट्रोवर्सी पर भी अपनी प्रतिक्रिया दी। युवी ने कहा, ऐसी घटना का हमारे समय में होना नामुमकिन था। लेकिन रोहित ने कोई खास रिएक्शन युवराज की इन बातों पर नहीं दिया।
रोहित शर्मा ने इस लाइव चैट में कहा, जब मैं टीम में आया तो काफी सीनियर थे। मुझे लगता है पीयूष चावला और सुरेश रैना के साथ मैं अकेला युवा खिलाड़ी था। अब माहौल हल्का है। मैं युवा खिलाड़ियों से बात करता रहता हूं और उनसे काफी फ्रेंडली भी रहता हूं। मैं ऋषभ पंत से बात करता हूं। यंग जनरेशन की सोच पर युवराज सिंह ने कहा कि केवल सीमित ओवरों में ही ज्यादातर युवा खिलाड़ी क्रिकेट खेलना चाहते हैं।
उन्होंने आगे कहा, सचिन पाजी ने एक बार मुझसे कहा था कि अगर तुम मैदान पर अच्छा प्रदर्शन करोगे तो सब कुछ अच्छा होगा। मैं एक बार एनसीए में था और मैंने युवाओं से बात की। मुझे लगा कि उनमें से अधिकतर टेस्ट क्रिकेट में नहीं खेलना चाहते हैं जो वास्तविक क्रिकेट है। वह एकदिवसीय क्रिकेट खेलकर खुश हैं। युवराज ने आगे कहा, मेरा मानना है कि भारत की तरफ से खेल चुके खिलाड़ी को भी राष्ट्रीय टीम में नहीं होने पर घरेलू क्रिकेट में खेलना चाहिए। इससे उन्हें देश की अलग-अलग तरह की पिचों पर खेलने का अनुभव मिलेगा।